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भारत में स्टारलिंक की एंट्री जल्द! सैटलाइट ब्रॉडबैंड की ऐसे बदलेगी सूरत

भारत में स्टारलिंक की एंट्री उसके लिए 25 बिलियन डॉलर का संभावित अवसर साबित हो सकती है।

अमेरिका में लागू सख्त नियम स्टारलिंक के लिए चुनौती बने हुए हैं।   / REUTERS/Dado Ruvic/Illustration/File Photo

स्पेसएक्स की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस स्टारलिंक को भारत में जल्द ही आधिकारिक मंजूरी मिल सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे स्टारलिंक को हर साल एक मिलियन नए ग्राहक जोड़ने के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिल सकती है।  

कंपनी को हालांकि अब भी कानूनी चुनौतियों के अलावा Eutelsat और चीन की स्पेससेल जैसी कंपनियों से कंपीटीशन का सामना करना पड़ेगा। अमेरिका में लागू सख्त नियम भी स्टारलिंक के लिए चुनौती बने हुए हैं।  

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में स्टारलिंक की एंट्री उसके लिए 25 बिलियन डॉलर का संभावित अवसर साबित हो सकती है। यह कंपनी भारत के सैटेलाइट ब्रॉडबैंड उद्योग को फिर से परिभाषित कर सकती है और अन्य विकासशील बाजारों में नई संभावनाओं के द्वार खोल सकती है। 

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सैटकॉम एक्सपर्स्ट डेविस मैथ्यू कुरियाकोस का कहना है कि भारत में स्टारलिंक की एंट्री कंपनी की सिर्फ रणनीतिक पीआर जीत नहीं होगी बल्कि इसका मतलब है कि उसने उन चुनौतियों को पार कर लिया है जो दूसरे ऑपरेटर्स के लिए असंभव सी लग रही थीं।

स्टारलिंक को साल 2022 से भारत में कमर्शल ऑपरेशन शुरू करने के लिए लाइसेंस का इंतजार था। लेकिन स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर कंपनी रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के साथ विवाद में फंसी हुई थी।  

स्टारलिंक चाहती थी कि स्पेक्ट्रम का आवंटन प्रशासनिक रूप से किया जाए जबकि जियो और एयरटेल नीलामी के जरिए इसे हासिल करना चाहते थे। अक्टूबर 2024 में भारत सरकार ने स्पेक्ट्रम आवंटित करने का फैसला लिया।  

इसी महीने एयरटेल और जियो ने स्पेसएक्स के साथ अलग-अलग समझौते किए हैं जिससे संकेत मिलता है कि स्टारलिंक को जल्द ही मंजूरी मिल सकती है। माना जा रहा है कि स्टारलिंक की एंट्री से भारत में सैटलाइट इंटरनेट सेवाओं की कीमतें काफी कम हो जाएंगी। 

छह इंडस्ट्री विशेषज्ञों के अनुसार, स्टारलिंक का भारत में राजस्व उसकी पैकेज की नीतियों पर निर्भर करेगा। तीन विशेषज्ञों का मानना है कि स्टारलिंक 15 डॉलर प्रति माह के प्लान पेश कर सकता है जो भारतीय ब्रॉडबैंड बाजार में मौजूद 12 डॉलर प्रति माह के प्लान को चुनौती देगा।  

विश्लेषकों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एलन मस्क की वॉशिंगटन में हालिया मुलाकात के बाद भारत में स्टारलिंक के एंट्री नियमों को आसान बनाने में मदद मिल सकती है।  

एक वरिष्ठ उद्योग अधिकारी का कहना है कि भारत का सैटेलाइट इंटरनेट बाज़ार अभी विकसित हो रहा है जिसमें 700 मिलियन संभावित ग्राहक हो सकते हैं। स्टारलिंक को इस मार्केट को सीधा प्रभावित करने का अवसर मिल सकता है।

भारत की सैटेलाइट इंडस्ट्री एसोसिएशन ने कहा कि स्टारलिंक के आने से सैटेलाइट नेटवर्क ऑपरेशंस, ग्राउंड स्टेशन, उपकरण निर्माण और ग्रामीण ब्रॉडबैंड सेवाओं में रोजगार के नए अवसर बनेंगे।  
 

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