सरदारनी कुलजीत कौर बिंद्रा चैरिटेबल फाउंडेशन ने होफस्ट्रा यूनिवर्सिटी (Hofstra University) के साथ मिलकर 2024 के गुरु नानक इंटरफेथ पुरस्कार के लिए डॉ. थिया गोमेलौरी (Dr. Thea Gomelauri) और यूनाइटेड रिलिजन्स इनिशिएटिव (URI) को चुना है। URI की स्थापना धार्मिक एकता के अग्रणी नेता और प्रेसिडेंट एमेरिटस रेवरेंड विलियम ई. स्विंग ने की थी। 50,000 डॉलर का यह पुरस्कार दोनों विजेताओं के बीच बांटा जाएगा, जिन्होंने धार्मिक समझ और शांति निर्माण में अहम योगदान दिया है।
पुरस्कार समारोह 22 अप्रैल, 2025 को न्यूयॉर्क के वुडबरी में क्रेस्ट हॉलो कंट्री क्लब में होगा।
गुरु नानक इंटरफेथ पुरस्कार की स्थापना 2006 में सरदार ईशा सिंह बिंद्रा और उनके परिवार ने गुरु नानक की विरासत का सम्मान करने के लिए की थी। गुरु नानक देव सिख धर्म के संस्थापक थे। वह समानता, सेवा और अंतरधार्मिक सद्भाव के लिए जाने जाते हैं। पहले यह पुरस्कार परम पावन 14वें दलाई लामा और इंटरफेथ अमेरिका के संस्थापक डॉ. इबू पटेल जैसी हस्तियों को मिल चुका है।
बिंद्रा परिवार के टी जे बिंद्रा ने कहा, 'हमारे माता-पिता की इच्छा थी कि विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच बेहतर समझ विकसित हो। इसलिए उन्होंने होफस्ट्रा यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर इस पुरस्कार की स्थापना की। यह पुरस्कार गुरु नानक के नाम पर है, जिन्होंने सभी इंसानों की समानता का प्रचार किया, चाहे उनका धर्म, जाति, रंग, पंथ या लिंग कुछ भी हो। हमें 2024 के गुरु नानक इंटरफेथ पुरस्कार के लिए दो बेहद योग्य विजेताओं के चयन पर बहुत खुशी है।'
होफस्ट्रा कॉलेज ऑफ लिबरल आर्ट्स एंड साइंसेज की डीन डॉ. इवा बदोवस्का ने कहा, 'गुरु नानक पुरस्कार होफस्ट्रा यूनिवर्सिटी के मिशन का प्रतीक है। जिसका उद्देश्य वैश्विक समझ को बढ़ावा देना और छात्रों को हमारी परस्पर जुड़ी दुनिया की जटिलताओं में सफल होने के लिए तैयार करना है। ऐसे समय में जब शांतिपूर्ण सहयोग, सभ्य संवाद और सांस्कृतिक जागरूकता गंभीर वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए जरूरी है, यह पुरस्कार शांति, धार्मिक संवाद और निस्वार्थ सेवा के उन सिद्धांतों को सम्मानित करता है जो यूनिवर्सिटी के मूल्यों से गहराई से जुड़े हैं।'
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में बाइबल की विद्वान और ऑक्सफोर्ड इंटरफेथ फोरम की डायरेक्टर डॉ. थिया गोमेलौरीको ये पुरस्कार दुनिया भर के विद्वानों को अलग-अलग धर्मों के पवित्र ग्रंथों को एक साथ समझने और पढ़ने के लिए जोड़ने के उनके काम के लिए मिला है। जॉर्जियाई यहूदियों (जो कि सबसे पुराने यहूदी समुदायों में से एक हैं) पर उनकी रिसर्च ने दुनिया भर में ध्यान खींचा है क्योंकि इससे कई अनदेखी कहानियां और समुदाय सामने आए हैं।
डॉ. गोमेलौरी ने कहा, 'गुरु नानक देव जी के नाम पर दिया गया ये प्रतिष्ठित पुरस्कार हमें हमारे इतिहास के इस अहम समय में अंतरधार्मिक शिक्षा के जरिए विश्व शांति को बढ़ावा देने के लिए और प्रेरित करता है।' हाल ही में, जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय ने शांति और धार्मिक शिक्षा में योगदान के लिए यूएन वर्ल्ड इंटरफेथ हार्मनी वीक अवॉर्ड से ऑक्सफोर्ड इंटरफेथ फोरम को सम्मानित किया था।
बिशप और पूर्व अध्यक्ष, रिवरेन्ड विलियम ई. स्विंग द्वारा स्थापित URI, दुनिया का सबसे बड़ा अंतरधार्मिक नेटवर्क है। यह 100 से अधिक देशों में काम कर रहा है। इसकी शुरुआत 1993 में संयुक्त राष्ट्र में एक अंतरधार्मिक समारोह से हुई थी। आज, URI युवाओं, बुज़ुर्गों और समुदाय के सदस्यों द्वारा चलाए जा रहे स्थानीय शांति निर्माण के प्रयासों का समर्थन करता है।
बिशप स्विंग ने कहा, 'गुरु नानक देव का दरियादिली भरा दिल, अपने समय में बहुत ताकतवर था और इस अवॉर्ड से उनकी रूहानी ताकत और बढ़ेगी। उनके नाम से सम्मानित होना, खुद में एक बहुत बड़ा आशीर्वाद है।' URI ग्लोबल काउंसिल के चेयरमैन एरिक रूक्स ने कहा, 'हमें इस सम्मान पर बहुत गर्व और खुशी है। ये सम्मान URI, इसके संस्थापक और पूरे URI नेटवर्क के उन धर्मों के एक्टिविस्ट्स को समर्पित है जो अपनी जिंदगी इस काम में लगा देते हैं ताकि दुनिया में हम सब अपने-अपने मतभेदों के बावजूद प्यार, भरोसे और एकता से रह सकें।'
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