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कश्मीर आतंकी हमले के बाद 'पटेल ब्रदर्स' निशाने पर, पाकिस्तानी उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान

मुख्य रूप से भारतीय किराना स्टोर विभिन्न दक्षिण एशियाई देशों के उत्पाद भी बेचता है।

पटेल ब्रदर्स स्टोर। / Facebook

अमेरिका में दक्षिण एशियाई किराना श्रृंखला पटेल ब्रदर्स को कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय-अमेरिकी समुदाय के कुछ वर्गों से पाकिस्तानी उत्पाद बेचना बंद करने के लिए आह्वान का सामना करना पड़ रहा है। भारत में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। 

इस सप्ताह की शुरुआत में हुए इस हमले को 25 वर्षों में इस क्षेत्र में सबसे घातक बताया जा रहा है। पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े माने जाने वाले समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने इस घटना की जिम्मेदारी ली है। 

इसके बाद से ही सोशल मीडिया यूजर्स और सामुदायिक समूहों ने ऑनलाइन अभियानों में पटेल ब्रदर्स और अन्य दक्षिण एशियाई खुदरा विक्रेताओं को टैग करते हुए पाकिस्तानी उत्पादों के बहिष्कार का आग्रह करना शुरू कर दिया। 



अमेरिका भर में 50 से अधिक स्टोर संचालित करने वाले पटेल ब्रदर्स ने अभी तक इन आह्वानों के जवाब में कोई सार्वजनिक बयान जारी नहीं किया है। पटेल ब्रदर्स की स्थापना 1974 में हुई थी और तब से यह संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे बड़ी भारतीय और दक्षिण एशियाई किराना श्रृंखलाओं में से एक बन गई है। यह स्टोर भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका सहित पूरे उपमहाद्वीप के उत्पादों की अमेरिका में आपूर्ति करती है। 

यह भी पढ़ें :अमेरिका के समुदाय-संगठनों में भारत के आतंकी हमले पर रोष, न्याय की मांग

इस हमले के बाद से पड़ोसी भारत-पाकिस्तान के बीच अभूतपूर्व किस्म का तनाव बढ़ गया है। कहा जा रहा है कि मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार इस आतंकी हमले के बाद कुछ बड़ा कदम उठाने पर विचार कर रही है। 

हमले के अगले ही दिन यूएई की यात्रा बीच में छोड़कर लौटे भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी कैबिनेट के साथ अहम बैठक की है और सिंधु जल समझौते को विराम देने, भारत में पाकिस्तानियों के वीजा खत्म करने और उनसे अपने देश लौट जाने के लिए समय-सीमा तय कर दी है। हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के सियासी और सामाजिक हालात में उबाल है। 

इस पूरे प्रकरण में अमेरिका, यूके, रूस, इटली और इजराइल देशों ने आतंकवाद का प्रतिकार करते हुए भारत के साथ खड़े होने का ऐलान किया है तो भारत-पाकिस्तान दोनों के पड़ोसी देश चीन ने भी आतंकवाद के हर स्वरूप के प्रति अस्वीकार्यता व्यक्त की है।   
 

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