भारत अब जलमार्गों के जरिए पर्यटन की दुनिया में नई कहानी लिखने जा रहा है। केंद्र सरकार ने क्रूज़ भारत मिशन और मैरीटाइम इंडिया विज़न 2030 जैसी पहल के ज़रिए देश को एक वैश्विक क्रूज़ पर्यटन गंतव्य बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। भारत के पास 7,500 किलोमीटर लंबी समुद्री तटरेखा, 12 बड़े और 200 छोटे बंदरगाह, 1,300 से अधिक द्वीप और 20,000 किलोमीटर से अधिक नौगम्य जलमार्ग हैं। यही नहीं, गंगा, ब्रह्मपुत्र, केरल की बैकवॉटर जैसी नदियां भी भारत को क्रूज़ पर्यटन के लिए अनूठा बनाती हैं।
क्रूज़ भारत मिशन: 2024 से 2029 तक का रोडमैप
30 सितंबर 2024 को मुंबई से शुरू हुए क्रूज़ भारत मिशन का लक्ष्य है कि वर्ष 2029 तक क्रूज़ यात्रियों की संख्या को दोगुना कर दिया जाए। 2023-24 में देश में 4.71 लाख यात्रियों ने क्रूज़ का अनुभव लिया, जबकि मिशन का उद्देश्य है कि आने वाले वर्षों में 15 लाख से अधिक रिवर क्रूज़ यात्री 5,000 किलोमीटर से ज़्यादा जलमार्गों पर यात्रा करें।
सरकार इस मिशन को तीन चरणों में लागू कर रही है, जिसमें कस्टम, इमिग्रेशन, राज्य पर्यटन विभागों और सीआईएसएफ जैसी एजेंसियों को समन्वित किया गया है ताकि नीति, संचालन और प्रक्रिया में सुगमता लाई जा सके।
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बड़े सुधारों से मिलेगा पर्यटन को बल
क्रूज़ जहाज़ों को अब कार्गो शिप्स पर बर्थिंग में प्राथमिकता, पोर्ट शुल्क में 10–30% की छूट, कैबोटेज़ कानूनों में छूट, ई-वीज़ा व वीज़ा ऑन अराइवल, और सिंगल ई-लैंडिंग कार्ड जैसे लाभ मिलेंगे।
नदी जलमार्गों पर भी फोकस
इनलैंड वॉटरवेज़ अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IWAI) की अगुवाई में कई राज्य अपने-अपने जलमार्गों पर क्रूज़ सेवाओं को बढ़ावा दे रहे हैं।
दिल्ली: यमुना पर 4 किमी लंबे इको-फ्रेंडली क्रूज़ कॉरिडोर की योजना, इलेक्ट्रिक-सोलर बोट्स के साथ
जम्मू-कश्मीर: चिनाब, झेलम और रावी पर क्रूज़ सेवाएँ, ₹100 करोड़ का निवेश
गुजरात–मध्यप्रदेश: कुक्शी से सरदार सरोवर तक क्रूज़ सेवा (अप्रैल 2024 से शुरू)
2023 में शुरू हुई MV गंगा विलास क्रूज़ ने वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक 3,200 किमी की यात्रा कर भारत के रिवर क्रूज़ पर्यटन की संभावनाओं को दुनिया के सामने रखा।
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