भारत ने अमेरिका के साथ व्यापार उदारीकरण (Trade Liberalisation) का रास्ता अपनाने का फैसला किया है। मंगलवार को भारत के वाणिज्य सचिव सुनील बार्थवाल ने यह जानकारी दी। इसके साथ ही दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण के लिए टर्म्स ऑफ रेफरेंस पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान यह सहमति बनी थी कि भारत और अमेरिका इस साल के अंत तक पहले चरण का व्यापार समझौता करेंगे, जिससे 2030 तक $500 अरब का द्विपक्षीय व्यापार हासिल किया जा सके।
मई में होंगी व्यक्तिगत बैठकें, अप्रैल से वर्चुअल वार्ता शुरू
वाणिज्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल ने बताया कि अप्रैल में वर्चुअल चर्चा शुरू होगी और मई के मध्य में व्यक्तिगत बैठकें आयोजित होंगी।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत पहले चरण में 23 अरब डॉलर मूल्य के अमेरिकी आयातों पर आधे से अधिक वस्तुओं पर टैरिफ घटाने को तैयार है – यह वर्षों में सबसे बड़ा टैरिफ कट माना जा रहा है।
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टैरिफ मुद्दे पर अमेरिका की राहत
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत सहित प्रमुख व्यापार साझेदारों के लिए 90 दिनों के लिए टैरिफ बढ़ोतरी पर रोक की घोषणा की है। यह कदम भारतीय निर्यातकों के लिए अस्थायी राहत लेकर आया है। हालांकि ट्रंप ने भारत को "टैरिफ किंग" और "टैरिफ अब्यूज़र" कहकर पहले भी निशाने पर लिया है।
रक्षा और ऊर्जा में निवेश से रिश्तों को मजबूती
भारत ने अमेरिका के साथ संबंध सुधारने के लिए रक्षा और ऊर्जा उत्पादों की खरीद में वृद्धि का वादा किया है। अमेरिका के साथ भारत का $45.6 अरब का व्यापार घाटा है, जिसे कम करने के लिए यह प्रयास किए जा रहे हैं।
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