अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के "अमेरिकन ड्रीम की वापसी" और "अमेरिका के स्वर्ण युग" के दावों को भारतीय-अमेरिकी डेमोक्रेट्स ने सख्त आलोचना के साथ खारिज कर दिया है। 4 मार्च को कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए ट्रम्प ने अमेरिका की आर्थिक प्रगति, नागरिक सुरक्षा और मध्यम वर्ग के उत्थान की बात कही, लेकिन कई डेमोक्रेट्स, विशेष रूप से भारतीय मूल के नेताओं ने इसे "हकीकत से परे" बताया।
श्री थानेदार का तीखा पलटवार
कांग्रेस सदस्य श्री थानेदार ने ट्रंप के भाषण को "ग्राउंड रियलिटी से कटा हुआ" बताते हुए कहा, "ट्रंप कहते हैं कि अमेरिका फल-फूल रहा है, अर्थव्यवस्था चरम पर है और आम परिवार जीत रहे हैं, लेकिन मेरे मतदाता कुछ और ही कहते हैं।" गरीबी से संघर्ष कर एक सफल व्यवसायी और अब राजनेता बने थानेदार ने ट्रम्प के विशेषाधिकार प्राप्त जीवन से अपनी यात्रा की तुलना करते हुए कहा, "ट्रम्प को विरासत में संपत्ति और अवसर मिले, जबकि मेरी सफलता शिक्षा, मेहनत और संघर्ष से आई।"
उन्होंने ट्रम्प प्रशासन के बजट प्रस्ताव की आलोचना करते हुए कहा कि इससे 3.33 लाख लोगों की स्वास्थ्य सेवा, 2.25 लाख परिवारों की खाद्य सहायता और वरिष्ठ नागरिकों की मेडिकेयर सुविधाएं प्रभावित होंगी।
प्रमिला जयपाल का वॉकआउट
कांग्रेस सदस्य प्रमिला जयपाल ने ट्रम्प की "झूठ और नस्लवाद से भरी" स्पीच के दौरान मिड-स्पीच ही हॉल छोड़ दिया। उन्होंने एक्स पर लिखा, "मैं वहां गई थी ताकि ट्रम्प को सीधे सुन सकूं, लेकिन जब उनके हर शब्द में झूठ, नस्लवाद और ज़ेनोफोबिया (विदेशियों के प्रति घृणा) दिखी, तो मैं बाहर आ गई।" उन्होंने डेमोक्रेट्स से अपील की कि वे ट्रम्प की विभाजनकारी राजनीति का डटकर मुकाबला करें।
रो खन्ना का ट्रम्प पर हमला
कांग्रेस सदस्य रो खन्ना ने ट्रम्प के भाषण में सोशल सिक्योरिटी को लेकर किए गए दावों को "भ्रामक" बताया। उन्होंने कहा, "ट्रम्प ने दावा किया कि लाखों सोशल सिक्योरिटी लाभार्थी 100 साल से अधिक उम्र के हैं, जबकि यह दावा पहले ही सरकारी जांच में गलत साबित हो चुका है।" खन्ना ने चेतावनी दी कि अगर डेमोक्रेट्स ने सोशल सिक्योरिटी बचाने के लिए पूरी ताकत नहीं लगाई, तो उन्हें नेतृत्व में रहने का हक नहीं।
सुब्रमण्यम ने "फ्री स्पीच" नीति पर सवाल उठाए
वर्जीनिया के सीनेटर सुहास सुब्रमण्यम ने ट्रम्प के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के दावों को झूठा बताया। उन्होंने तंज कसते हुए लिखा, "ट्रम्प कहते हैं कि उन्होंने फ्री स्पीच बहाल की, लेकिन सच्चाई यह है कि उन्होंने कई मीडिया हाउस को व्हाइट हाउस से प्रतिबंधित कर दिया।"
अजय भुटोरिया ने ट्रम्प की व्यापार नीतियों को बताया खतरनाक
डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रीय वित्त उपाध्यक्ष अजय भुटोरिया ने ट्रम्प के कड़े व्यापार करों और टैरिफ नीतियों को अमेरिका की अर्थव्यवस्था के लिए विनाशकारी बताया। उन्होंने कहा, "ट्रम्प ने कनाडा और मैक्सिको पर 25% और चीन पर 20% शुल्क लगाकर व्यापार युद्ध छेड़ दिया, जिससे अमेरिकी कारों की कीमतें $12,000 तक बढ़ सकती हैं।" भुटोरिया ने ट्रम्प की यूक्रेन नीति को भी अस्थिरता का संकेत बताया, खासकर जब ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ टकराव के बाद सहायता पर रोक लगा दी।
भारत-अमेरिका संबंधों पर ट्रम्प के रुख की आलोचना
भुटोरिया ने ट्रम्प के "अमेरिका फर्स्ट" दृष्टिकोण को भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्तों के लिए खतरनाक बताया। उन्होंने कहा, "ट्रम्प ने भारत पर उतना ही टैरिफ लगाने की धमकी दी है, जितना भारत अमेरिकी वाहनों पर लगाता है—यानी 100% या उससे अधिक। यह भारत के $50 बिलियन के निर्यात को प्रभावित कर सकता है, जिसमें दवाएं और टेक्नोलॉजी शामिल हैं।" उन्होंने ट्रम्प के H-1B वीज़ा प्रतिबंध और ग्रीन कार्ड प्रक्रिया में देरी के फैसलों की भी आलोचना की, जो भारतीय पेशेवरों के लिए बाधा बन सकते हैं।
"ट्रम्प की अलगाववादी नीतियां अमेरिका को कमजोर करेंगी"
अजय भुटोरिया ने चेतावनी दी कि ट्रम्प की आइसोलेशनिस्ट (अलगाववादी) नीतियां अमेरिका की अर्थव्यवस्था और नवाचार (इनोवेशन) को नुकसान पहुंचाएंगी। उन्होंने कहा, "डेमोक्रेट्स सहयोग और समावेशिता पर विश्वास करते हैं, जबकि ट्रम्प की नीतियां अमेरिका की वैश्विक ताकत को कमजोर करेंगी।"
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