अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मेक अमेरिका ग्रेट अगेन (MAGA) के अपने मिशन के तहत कई देशों, जिसमें भारत भी शामिल है, पर जवाबी टैरिफ लगाने की धमकी दी है। ट्रम्प ने खास तौर पर भारत पर गाड़ियों पर 100% टैरिफ लगाने को लेकर निशाना साधा और इसे नाइंसाफी बताया। 4 मार्च को कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए, ट्रम्प ने साफ-साफ कहा कि अगर दूसरे देश अमेरिका में अपनी चीजें नहीं बनाते, तो उन पर टैरिफ लगेंगे। उन्होंने फिर से अपने 'अमेरिका फर्स्ट' एजेंडे पर जोर दिया।
ट्रम्प ने कहा, 'भारत हम पर 100% टैरिफ लगाता है। ये सिस्टम अमेरिका के साथ न्यायसंगत नहीं है, कभी नहीं रहा।' उन्होंने आगे कहा, '2 अप्रैल से जवाबी टैरिफ लगेंगे। जितना वो हम पर टैक्स लगाएंगे, उतना हम उन पर लगाएंगे। अगर वो हमें अपने बाजार से बाहर रखने के लिए टैरिफ का इस्तेमाल करते हैं, तो हम भी उन्हें अपने बाजार से बाहर रखने के लिए इनका इस्तेमाल करेंगे।'
उन्होंने जोर देकर कहा, 'दूसरे देश दशकों से हमारे खिलाफ टैरिफ का इस्तेमाल कर रहे हैं। अब हमारा भी वक्त आ गया है कि हम उन देशों के खिलाफ टैरिफ लगाएं। यूरोपीय संघ, चीन, ब्राजील, भारत सहित कई देश औसतन हमसे कहीं ज्यादा टैरिफ लगाते हैं जितना हम उन पर लगाते हैं।'
ये ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाशिंगटन दौरे के कुछ हफ्ते बाद आया है, जहां दोनों नेताओं ने व्यापार और आर्थिक संबंधों पर लंबी बातचीत की थी।
13 फरवरी को व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात में दोनों देशों के बीच बढ़ती साझेदारी पर जोर दिया गया था।मोदी और ट्रम्प दोनों ने व्यापार संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की थी। लेकिन, टैरिफ पर ट्रम्प के हालिया बयानों से पता चलता है कि वो अब ज्यादा संरक्षणवादी नीतियों की तरफ बढ़ रहे हैं। इससे अमेरिका में घरेलू उत्पादन और रोजगार सृजन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का पता चलता है।
अपनी बातचीत के दौरान, मोदी और ट्रम्प ने व्यापार सहयोग के महत्व को माना, लेकिन वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं पर टैरिफ के संभावित प्रभाव को भी स्वीकार किया। अपने व्यापार-समर्थक रवैये के साथ मोदी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की बढ़ती भूमिका को उजागर किया। ट्रम्प ने जोर देकर कहा कि जवाबी टैरिफ से अधिक घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलने से अमेरिकी कामगारों को मदद मिलेगी।
13 फरवरी को ट्रम्प ने कहा था, 'हम लंबे समय से चली आ रही उन असमानताओं को दूर करने के लिए बातचीत शुरू करेंगे, जिनका ध्यान पिछले चार वर्षों में रखा जाना चाहिए था।' उन्होंने विभिन्न देशों, जिनमें भारत भी शामिल है, से आयात पर जवाबी टैरिफ लगाने की अपनी सरकार की योजना को भी दोहराया था।
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