विज्ञान और गणित के छात्रों के लिए आयोजित प्रतिष्ठित रेजेनरॉन साइंस टैलेंट सर्च प्रतियोगिता में चुने गए 40 फाइनलिस्ट में भारतीय मूल के 13 अमेरिकी स्टूडेंट शामिल हैं। रेजेनरॉन फार्मास्यूटिकल्स और सोसाइटी फॉर साइंस की ओर से बताया गया है कि प्रतियोगिता अपने 83 वें वर्ष में है। प्रतियोगिता के माध्यम से हर साल ऐसे छात्रों का पुरस्कार के लिए चुना जाता है जिनमें शैक्षणिक योग्यता के साथ समाज को आगे बढ़ाने के लिए समर्पण और नेतृत्व कौशल है।
बताया गया है कि फाइनल के लिए चुने गए 40 स्टूडेंट को 300 स्कॉलर्स में से चुना गया है। इसकी घोषणा इस महीने की शुरुआत में की गई थी। फाइनल में चुने गए ये स्कॉलर्स वाशिंगटन, डीसी में 6-13 मार्च तक चलने वाली एक सप्ताह की प्रतियोगिता में भाग लेंगे। जहां वे एक कठिन प्रतियोगिता का सामना करेंगे और पुरस्कारों में 1.8 मिलियन डॉलर से अधिक के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे।
भारतीय मूल के जिन स्टूडेंट को फाइनल के लिए चुना गया है उनमें एक हैं सरस्वती अमजीत। उन्होंने रिमोट सेंसिंग डिटेक्शन और एआई-लॉगिंग मैप-जनरेटिंग वेबटूल के साथ रडार और सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग करने वाले एक इंटिगेटेड मशीन लर्निंग प्रोजेक्ट पर काम किया है। डेल नॉर्ट हाई स्कूल, सैन डिएगो, कैलिफोर्निया के छात्र आरव अरोड़ा के प्रोजेक्ट का टाइटल- SARS-CoV-2 ओमिक्रॉन वैरिएंट गंभीरता के विश्लेषण के लिए एक यांत्रिक आधार है।
अदिति अविनाश रॉक कैन्यन हाई स्कूल, कोलोराडो की छात्रा हैं। उन्होंने मेडिकल के प्रोजेक्ट पर काम किया है। बेसिस चांडलर, चैंडलर, एरिजोना के हर्षिल अवलानी ने स्पेक्टेटर क्यूबिट्स पर मिड-सर्किट मिजरमेंट (एमसीएम) के प्रभाव का विश्लेषण किया है। द पोटोमैक स्कूल, मैकलीन, वर्जीनिया के आरव भार्गव के प्रोजेक्ट का टाइटल विकासशील देशों में कम लागत, 3 डी-प्रिंटिंग है।
होमस्टेड हाई स्कूल, क्यूपर्टिनो, कैलिफोर्निया के छात्र अर्णव एन. चक्रवर्ती ह्यूमैन टिशू पर काम किया है। सारंग गोयल टेक्सास एकेडमी ऑफ मैथमेटिक्स एंड साइंस डेंटन, टेक्सास के छात्र हैं। उन्होंने दृष्टिबाधितों के लिए इंटेलिजेंट विजन सिस्टम पर काम किया है। भारतीय मूल की रिया त्यागी फिलिप्स एक्सेटर अकादमी, एक्सेटर, न्यू हैम्पशायर की छात्रा हैं। उन्होंने कंप्यूटर विजन का उपयोग करके एआई पर काम किया है।
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