अमेरिका का सबसे बड़ा साइंस कॉम्पिटिशन, 2025 3M यंग साइंटिस्ट चैलेंज शुरू हो गया है। पांचवीं से आठवीं क्लास के बच्चे अपने कमाल के आइडियाज YoungScientistLab.com पर भेज सकते हैं। ऐसे आइडियाज जो दुनिया की असली दिक्कतों का हल निकालते हैं। ये कॉम्पिटिशन 3M और डिस्कवरी एजुकेशन मिलकर कर रहे हैं। आवेदन करने की आखिरी तारीख है 1 मई, 2025 है।
हर साल इस चैलेंज में एक विजेता, 10 फाइनलिस्ट, चार सम्मानित उम्मीदवार और 51 तक स्टेट मेरिट विनर्स (वॉशिंगटन डी.सी. भी शामिल है) चुने जाते हैं। बच्चों के आइडियाज की जांच उनके क्रिएटिविटी, साइंस की जानकारी और बातचीत करने के हुनर के आधार पर होती है। इस बार रोबोटिक्स और क्लाइमेट टेक्नोलॉजी से लेकर AR/VR और घरों की मरम्मत तक, कई तरह के टॉपिक्स हैं।
3M की एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट और चीफ पब्लिक अफेयर्स ऑफिसर टोरी क्लार्क ने कहा, 'पिछले 18 सालों से 3M यंग साइंटिस्ट चैलेंज कई नए आविष्कारकों, इनोवेटर्स और समस्या-समाधान करने वालों में जिज्ञासा जगा रहा है। वो भी हाई स्कूल जाने से पहले ही। ये प्रोग्राम बच्चों को साइंस और टेक्नोलॉजी की ताकत से दुनिया की मुश्किलों को सुलझाने के लिए प्रेरित करता है।'
डिस्कवरी एजुकेशन की एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट ऑफ मार्केटिंग और स्ट्रेटेजिक अलायंस एमी नाकामोटो ने कहा, 'ये सालाना चैलेंज बच्चों की कमाल की क्रिएटिविटी, टीम वर्क, कम्युनिकेशन स्किल्स और क्रिटिकल थिंकिंग को बढ़ावा देता है। ये दिखाता है कि ये बच्चे दुनिया को बेहतर बनाने में कितना कुछ कर सकते हैं।'
पिछले साल भारतीय मूल के सीरिश ने दिखाया था कमाल
पिछले साल 2024 में जॉर्जिया के स्नेलविल से 14 साल के भारतीय अमेरिकी सीरिश सुबाष ने 25,000 डॉलर का बड़ा इनाम जीता था। उन्हें 3M के एक साइंटिस्ट से मेंटरशिप भी मिली और उन्हें अमेरिका का टॉप यंग साइंटिस्ट भी घोषित किया गया।सीरिश को 'पेस्टिस्कैंड' बनाने के लिए चुना गया था। ये एक ऐसा हैंडहेल्ड डिवाइस है जो स्पेक्ट्रोफोटोमेट्री और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करके फलों और सब्जियों में कीटनाशक के अवशेषों का पता लगाता है और वो भी बिना उन्हें नुकसान पहुंचाए। ये डिवाइस अलग-अलग रंगों की रोशनी को फल और सब्जियों की सतह पर डालता है और फिर उस डेटा का विश्लेषण करके नुकसानदेह केमिकल्स की पहचान करता है।
सीरिश का आविष्कार खाने की सुरक्षा से जुड़ी एक बड़ी चिंता का समाधान करता है। ये दिखाता है कि कैसे युवा दिमाग रोजमर्रा की चुनौतियों के लिए साइंस की जानकारी का इस्तेमाल कर सकते हैं। उनकी कामयाबी 3M यंग साइंटिस्ट चैलेंज जैसे कार्यक्रमों की बदलने की ताकत को दर्शाती है।
इस प्रतियोगिता की शुरुआत के बाद से इसमें पानी बचाने, हवा के प्रदूषण और परिवहन की दक्षता जैसी कई तरह की समस्याओं के समाधान सामने आए हैं। देश भर के युवा वैज्ञानिकों को इस मौके का फायदा उठाने, नए आइडियाज लाने और वैश्विक समस्याओं के समाधान में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
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