भारत में अपने कैंपस स्थापित करने वाले विदेशी विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़ती जा रही है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने बताया है कि उत्तरी अमेरिका, यूरोप, यूके और ऑस्ट्रेलिया के कई शीर्ष अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय भारत में अपने कैंपस स्थापित करने पर बातचीत कर रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया की पांच और यूनिवर्सिटी इस साल के आखिर तक भारत में अपने कैंपस स्थापित कर सकती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, यूजीसी के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने विशिष्ट संस्थानों का नाम लेने से परहेज किया क्योंकि आवेदन प्रक्रिया जारी है।
ऑस्ट्रेलिया की डीकिन यूनिवर्सिटी भारत में कैंपस स्थापित करने की पहल करने वाली पहली विदेशी यूनिवर्सिटी है। उसने गुजरात की गिफ्ट सिटी में अपना टीचिंग कैंपस खोलने की घोषणा की है।
इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया की वोलोंगोंग यूनिवर्सिटी भी जून से अपने कोर्स लॉन्च करने जा रही है। गुजरात सरकार ने हाल ही में बताया था कि ऑस्ट्रेलिया के दो और विश्वविद्यालय जल्द ही राज्य में अपने कैंपस खोलकर पढ़ाई शुरू कर सकते हैं। इन दोनों के कैंपस भी गिफ्ट सिटी में ही होंगे।
भारत सरकार ने सिर्फ उन्हीं विदेशी विश्वविद्यालयों को देश में अपने कैंपस स्थापित करने की मंजूरी देने का फैसला किया है, जो यूजीसी से अप्रूव्ड लिस्ट में हैं और दुनिया की टॉप 500 यूनिवर्सिटीज में शामिल हैं। ऐसा भारत में शिक्षा की उच्च गुणवत्ता बनाए रखने के उद्देश्य से किया गया है।
विदेशी विश्वविद्यालयों को अंडरग्रेजुएट कोर्स से लेकर पोस्ट डॉक्टोरल कोर्स की पढ़ाई कराने की छूट रहेगी। वे सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, डिग्री कोर्स ऑफर कर सकेंगी। इसके अलावा रिसर्च प्रोजेक्ट भी चला सकेंगी।
यूजीसी ने विदेशी विश्वविद्यालयों की आसानी के लिए आवेदन प्रक्रिया को ऑनलाइन कर रखा है। आवेदन मिलने के बाद एक्सपर्ट कमिटी 60 दिन के अंदर उसका रिव्यू करती है और यूजीसी को अपनी सिफारिशें भेजती है। उसके बाद अगले 60 दिनों के अंदर इन विश्वविद्यालयों को लेटर जारी कर दिए जाते हैं।
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