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कतर से लौटे फांसी की सजा पाए नौसेनिक बोले- मोदी है तो मुमकिन है

अंतरराष्ट्रीय पटल पर भारत की ये धमक पहले कभी नहीं थी। रिहा हुए नौसैनिकों और उनके परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट किया। ये आठों पूर्व नौसैनिक कथित तौर पर जासूसी के आरोप में कतर की जेल में बंद थे। अदालत ने इन्हें मौत की सजा सुनाई थी। जिसके बाद भारत के लिए इनकी रिहाई बड़ी चुनौती बनी हुई थी।

कतर की जेल में बंद भारतीय नौसेना के सभी आठ पूर्व नौ सैनिकों को रिहा कर दिया गया है। / @omkarchaudhary

'पीएम नरेंद्र मोदी हस्तक्षेप नहीं करते तो हम आपके सामने जिंदा खड़े नहीं होते', यह कहना है कतर की जेल से रिहा एक भारतीय पूर्व नौसेना के अफसर का। वापस लौटे एक अन्य सिख नौसेना अफसर ने कहा, 'मोदी है तो मुमकिन हैं'। अंतरराष्ट्रीय पटल पर भारत की ये धमक पहले कभी नहीं थी। रिहा हुए नौसैनिकों और उनके परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट किया।

दरअसल, वैश्विक मंच पर भारत को एकबार फिर बहुत बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है। इससे दुनिया में भारत के बढ़ते कद के तौर पर देखा जा रहा है। कतर की जेल में बंद भारतीय नौसेना के सभी आठ पूर्व नौ सैनिकों को रिहा कर दिया गया है। विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि इनमें 7 नौ सैनिक वापस लौट चुके हैं।

ये आठों पूर्व नौसैनिक कथित तौर पर जासूसी के आरोप में कतर की जेल में बंद थे। अदालत ने इन्हें मौत की सजा सुनाई थी। जिसके बाद भारत के लिए इनकी रिहाई बड़ी चुनौती बनी हुई थी। भारत के अनुरोध पर कतर के अमीर ने पहले ही इन नौसैनिकों की मौत की सजा को कम करते हुए उम्रकैद में बदल दिया था। अब अमीर के आदेश पर इन पूर्व 8 सैनिकों की रिहाई कर दी गई है। भारत ने इसका स्वागत किया है।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कह कि भारत सरकार डहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है, इनमें से सात भारत लौट आए हैं। हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी को सक्षम करने के लिए कतर राज्य के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं।

कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुणकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश को अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था और तब से वे जेल में थे।

ये सभी एक निजी फर्म, डाहरा ग्लोबल के लिए काम कर रहे थे। अपनी व्यक्तिगत भूमिकाओं में कतर एमिरी नौसेना बल में इतालवी U212 स्टील्थ पनडुब्बियों की शुरूआत में सहायता करने के लिए कतर में थे। कतर की एक अदालत ने उन्हें 26 अक्टूबर, 2023 को मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने कहा था कि वह फैसले से 'गहरे सदमे' में है और वह सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा है।

दुबई में सीओपी28 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी की मुलाकात के कुछ हफ्तों बाद दिसंबर में मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था। नौसेना के पूर्व सैनिकों ने अपनी सुरक्षित रिहाई के लिए पीएम मोदी और सरकार को धन्यवाद दिया है। नौसैनिकों की रिहाई पर खुशी जाहिर करते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पीएम मोदी की तारीफ की है। उन्होंने मोदी को प्रधान रक्षक करार दिया है।

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