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US में जलवा, 300 चुने गए स्कॉलर्स में 73 भारतीय मूल के स्टूडेंट्स शामिल

रीजेनरॉन साइंस टैलेंट सर्च 2024 में चुने गए 300 स्कॉलर्स में कम से कम 73 भारतीय अमेरिकी यंग स्टूडेंट्स शामिल हैं। यह प्रतियोगिता हाई स्कूल सीनियर्स के लिए अमेरिका की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित विज्ञान और गणित प्रतियोगिता में से एक है।

300 स्कॉलर्स में प्रत्येक को 2,000 डॉलर से सम्मानित किया जाएगा। / @MCSDFlorida

अमेरिका में चाहे कोई भी क्षेत्र हो, भारतीय मूल की प्रतिभा का जलवा आपको हर तरफ नजर आएगा। फिलहाल बात करते हैं रीजेनरॉन साइंस टैलेंट सर्च 2024 की। इसमें 300 स्कॉलर्स में कम से कम 73 भारतीय अमेरिकी यंग स्टूडेंट्स शामिल हैं। यह प्रतियोगिता हाई स्कूल सीनियर्स के लिए अमेरिका की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित विज्ञान और गणित प्रतियोगिता में से एक है। बताया गया है कि 300 स्कॉलर्स में प्रत्येक को 2,000 डॉलर से सम्मानित किया जाएगा। हरेक चुने गए स्कॉलर्स के लिए उनके स्कूलों को भी 2000 डॉलर दिए जाएंगे।

300 स्कॉलर्स में से 40 को 24 जनवरी को रीजेनरॉन साइंस टैलेंट सर्च फाइनलिस्ट नॉमिनेट किया जाएगा। इसके बाद फाइनल में पहुंचे छात्र 6-13 मार्च को वाशिंगटन, डीसी में एक हफ्ते तक चलने वाली प्रतियोगिता के दौरान 1.8 मिलियन डॉलर से अधिक के पुरस्कार लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे।

स्कॉलर्स को उनके शानदार रिसर्च, नेतृत्व कौशल, सामुदायिक भागीदारी, शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता, वैज्ञानिक सवाल पूछने में रचनात्मकता और अनुसंधान परियोजनाओं, निबंधों के माध्यम से विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) में असाधारण प्रदर्शन के आधार पर चुना गया था। 2024 स्कॉलर्स को 2,162 राज्यों से चुना गया था। 200 से अधिक प्रतिभागियों का चयन अन्य देशों से किया गया है।

सोसाइटी फॉर साइंस और कार्यकारी प्रकाशक माया अजमेरा ने इस साल के रीजेनरॉन साइंस टैलेंट सर्च में टॉप 300 स्कॉलर्स को चुने जाने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि हमें इस साल रेकॉर्ड तोड़ आवेदन मिले। मैं वास्तव में परियोजनाओं की गुणवत्ता और सरलता से प्रभावित हूं जो प्रत्येक छात्र प्रतियोगिता में लाता है। उनके परिश्रम, जुनून और दृढ़ता का जश्न मनाया जाना चाहिए।

इस साल अनुसंधान परियोजनाएं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/ मशीन लर्निंग सहायता और जंगल की आग के लिए जलवायु परिवर्तन की रोकथाम, बाढ़ से लेकर दवा की खोज जैसे विषयों को कवर करती हैं। अन्य छात्रों ने किशोर मानसिक स्वास्थ्य, चिंता और आत्महत्या जैसे अन्य दबाव वाले सामाजिक मुद्दों से निपटने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया।

कुल 19 रिसर्च कैटेगिरी के साथ इस साल स्कॉलर्स की परियोजनाओं में टॉप 5 कैटेगरी शामिल हैं। इनमें पर्यावरण विज्ञान, चिकित्सा और स्वास्थ्य, सेलुलर और मॉलिकुलर जीवविज्ञान, कम्प्यूटेशनल जीवविज्ञान और व्यवहार और सामाजिक विज्ञान हैं। चुने गए भारतीय मूल के स्टूडेंट में निकिता अग्रवाल, शौर्य अग्रवाल, इशान अहलूवालिया, आरव अरोड़ा, अदिति अविनाश, हर्षिल अवलानी, रेयांश बहल, कुणाल समीर, आरव भार्गव, अदिति भट्टमिश्रा, अर्णव चर्कव्रती आदि शामिल हैं।

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