अंतरराष्ट्रीय हिंदी समिति-इंडियाना ने 14 सितंबर को हिन्दी दिवस की 75वीं वर्षगांठ पूरे जोश और उमंग के साथ मनाया। इस अवसर ने भारत की समृद्ध भाषाई और सांस्कृतिक विरासत का सम्मान करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित किया। इस हीरक जयंती वर्ष का समारोह एक शानदार आयोजन था, जिसमें भाषा प्रेमी, विद्वान और प्रतिष्ठित व्यक्ति जमा हुए। उत्सव में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां शामिल थीं, जो पारंपरिक संगीत, कत्थक नृत्य और हिंदी नाटक के माध्यम से हिन्दी की विविधता और सुंदरता को प्रदर्शित करती थीं। इसके साथ ही कविता पाठ और हिंदी भाषा को संरक्षित और बढ़ावा देने के महत्व पर चर्चा भी हुई।
प्रतिभागियों ने समकालीन समाज में हिंदी के महत्व के बारे में जीवंत संवाद किए, साथ ही इसकी ऐतिहासिक जड़ों का भी उत्सव मनाया। यह कार्यक्रम केवल एक उत्सव नहीं था, बल्कि यह इस बात का भी स्मरण था कि भाषा लोगों को एकजुट करने और संस्कृति को संरक्षित करने में क्या भूमिका निभाती है। प्रेरक गतिविधियों और भाषा के प्रति प्रेम की हार्दिक अभिव्यक्ति के साथ, हिंदी दिवस के उत्सव ने हिंदी और इसके साहित्यिक योगदान के प्रति प्रशंसा को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। यह भारतीय विरासत के इस महत्वपूर्ण पहलू को भावी पीढ़ियों के लिए जीवित रखने के लिए समुदाय के समर्पण का एक सुंदर प्रतिबिंब था।
इंडियाना शाखा के इस भव्य आयोजन का संचालन युवा समिति की अध्यक्षा आरिनी पारीक और सहअध्यक्षा अन्विता राजपूत ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत अमेरिका और भारत के राष्ट्रीय गान के गायन से हुआ। इसके बाद इंडियाना शाखा की अध्यक्षा विद्या सिंह ने सभी दर्शकों और गणमान्य अतिथियों का हार्दिक अभिनंदन किया। उन्होंने हिंदी भाषा के महत्व और इसके प्रसार के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उपाध्यक्ष आदित्य कुमार शाही ने सभा को अंतरराष्ट्रीय हिंदी समिति की गतिविधियों और उद्देश्यों के बारे में बताया। उन्होंने यह भी समझाया कि यह संस्था किस प्रकार से हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार और भारतीय संस्कृति के संवर्धन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।
मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में कार्मेल मेयर सु फिन्कम, सिटी काउंसिल की सदस्य डॉ. अनीता जोशी, सिटी काउंसिल शैनन मिन्नार और अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। विद्या सिंह ने इन सभी अतिथियों को गुलदस्ता भेंट कर उनका सम्मान किया और हिंदी के प्रति उनके सहयोग और समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर सु फिन्कम ने हिंदी भाषा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इंडियाना में 21 वर्षों से बच्चों को हिंदी सिखाने वाले शिक्षकों डॉ. महेश गुप्ता और अनीता गुप्ता को 'हिंदी शिक्षा सृजन सम्मान' से सम्मानित किया।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण प्रोफेसर मिथिलेश मिश्रा का व्याख्यान रहा। उन्होंने बताया कि भारत के आर्थिक विकास में हिंदी भाषी क्षेत्रों का कितना महत्वपूर्ण योगदान है। आंकड़ों और तथ्यों के आधार पर उन्होंने यह सिद्ध किया कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का दो-तिहाई हिस्सा उन क्षेत्रों से आता है, जहां हिंदी प्रमुख भाषा के रूप में बोली जाती है। इसदौरान सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा और हिंदी भाषा के महत्व पर नई दृष्टि मिली।
इसके बाद नूपुर कत्थक अकादमी के 5 से 14 वर्ष की आयु के छात्रों ने अपने अद्भुत नृत्य कौशल से दर्शकों का दिल जीत लिया। मौसमी मुखोपाध्याय के निर्देशन में बच्चों ने अपनी प्रस्तुतियों में समर्पण और नृत्य की कला को खूबसूरती से दर्शाया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा 'सूफियाना कथक'। इस अनूठी प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और कार्यक्रम को एक विशेष ऊंचाई दी। इस नृत्य ने भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य की समृद्ध धरोहर को जीवंत कर दिया। दर्शकों ने इस प्रस्तुति का भरपूर आनंद लिया और कलाकारों की सराहना की।
इसके अलावा सोनल (सेहर) कुलकर्णी ने अपनी कविताओं और गजलों को साझा किया। सोनल एक गीतकार, संगीतकार और गायिका हैं। इसके बाद बच्चों ने हिंदी कविता पेश किए, जिनमें उनकी मासूमियत और हिंदी के प्रति प्रेम साफ झलक रहा था। इन बच्चों ने अपनी प्रस्तुतियों से सभी का मन मोह लिया। इस समारोह में एक कला प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था, जिसमें विभिन्न आयु वर्ग के बच्चों ने भाग लिया। अनन्या पाटिल को प्रथम और अश्लेषा प्रशांत जोशी एवं सान्वी चेल्लापल्ला को द्वितीय और तृतीय पुरस्कार से सम्मानित क्या गया । कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन फिर भोजन के साथ हुआ। जिसमें आयोजकों ने सभी प्रतिभागियों, दर्शकों और अतिथियों को उनकी उपस्थिति और योगदान के लिए आभार व्यक्त किया।
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