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TechCamp Pune: भारत के शहरी कचरा प्रबंधन की दिशा में अमेरिका की अभूतपूर्व पहल

टेककैंप पुणे इवेंट में अमेरिका आदि देशों के ट्रेनर्स के अलावा महाराष्ट्र के 45 से अधिक वेस्ट मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स और अन्य पक्षकारों ने हिस्सा लिया।  इन सभी ने चार दिनों तक शहरी अपशिष्ट प्रबंधन की मेगा चुनौती के समाधान पर विचार विमर्श किया।

अमेरिकी महावाणिज्य दूत माइक हैंकी ने वैश्विक पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने में इनोवेशन के महत्व को रेखांकित किया। / X @USAndMumbai

भारत के शहरों को गंदगी से निजात दिलाने के उद्देश्य से मुंबई स्थित अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास ने अन्य पक्षकारों के साथ मिलकर अहम पहल की है। अर्बन वेस्ट की समस्या और इससे छुटकारा पाने के तरीकों पर विचार मंथन के लिए अपनी तरह के अनोखे टेककैंप पुणे इवेंट का आयोजन किया गया। 

टेककैंप पुणे इवेंट का आयोजन यूएस कॉन्सुलेट ने सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर वेस्ट रिसोर्स मैनेजमेंट, एक्सप्लोरआईटी और क्लाइमेट रियलिटी प्रोजेक्ट के साथ मिलकर किया था। कैंप में अमेरिका आदि देशों के ट्रेनर्स के अलावा महाराष्ट्र के 45 से अधिक वेस्ट मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स ने हिस्सा लिया।  इनमें टेक्नोक्रेट्स, नीति निर्माता, इंडस्ट्री लीडर्स, शोधकर्ता, उद्यमी और सामाजिक संगठनों के नेता और अन्य पक्षकार भी थे। 



इन सभी लोगों ने चार दिनों तक शहरी अपशिष्ट प्रबंधन की मेगा चुनौती के समाधान पर विचार विमर्श किया। इस दौरान ये पता लगाया गया कि किस तरह डिजिटल टूल्स से अपशिष्ट संग्रह में सुधार किया जा सकता है, रीसाइक्लिंग प्रक्रियाओं को बढ़ाया जा सकता है और स्थायी व्यवस्था बनाने के अलावा सामुदायिक जागरूकता को बढ़ावा दिया जा सकता है। कई वर्कशॉप और इंटरैक्टिव सत्रों के जरिए पुणे और पूरे महाराष्ट्र में कचरा प्रबंधन की समस्या के समाधान के लिए योजनाएं बनाई गईं। 

अमेरिकी महावाणिज्य दूत माइक हैंकी ने वैश्विक पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने में इनोवेशन के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि अपशिष्ट प्रबंधन न केवल महाराष्ट्र के शहरों के लिए बल्कि पूरे भारत और दुनिया भर के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। इस टेककैंप के माध्यम से अमेरिका स्थानीय नेताओं को टिकाऊ और कार्रवाई योग्य समाधान तैयार करने वाले डिजिटल टूल्स के साथ अपशिष्ट प्रबंधन से निपटने के लिए सशक्त बना रहा है। 

टेककैंप में फ्रेस्नो स्टेट यूनिवर्सिटी के डॉ. मोहन डांगी और नाइजीरिया में चंजा दत्ती के सीईओ डॉ. ओलुफंटो बोरऑफिस भी शामिल थे। कैंप में पुणे के जिला कलेक्टर और पुणे व पिंपरी-चिंचवाड़ के नगरपालिका आयुक्तों के साथ-साथ विभिन्न उद्योगों व गैर सरकारी संगठनों के नेताओं ने विचार विमर्श किया। इस नेटवर्किंग ने जलवायु संकट से निपटने के उद्देश्य से अपशिष्ट प्रबंधन और व्यापक पहलों में सहयोग और नवाचार के नए अवसर पैदा किए। क्लाइमेट रियलिटी प्रोजेक्ट में भारत और दक्षिण एशिया के निदेशक आदित्य पुंडीर ने 2030 तक वैश्विक उत्सर्जन लक्ष्यों को हासिल करने में देशों की मदद के लिए संगठन के निवेश पर जोर दिया। 

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