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वॉशिंगटन डीसी में 8 मई 2025 को AAPI (अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडियन ओरिजिन) द्वारा वार्षिक लेजिस्लेटिव डे का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन सुबह 10 बजे शुरू होकर दोपहर 3 बजे तक चलेगा, जिसमें भारतीय मूल के डॉक्टर अमेरिकी सांसदों और नेताओं से मिलकर स्वास्थ्य, इमिग्रेशन और मेडिकल एजुकेशन से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
AAPI के अध्यक्ष डॉ. सतीश काथुला ने कहा, “यह दिन हमें स्वास्थ्य क्षेत्र की नीतियों में सीधे तौर पर भागीदार बनने का अनोखा अवसर देता है।” इस इवेंट में दर्जनों सांसदों और सीनेटरों के भाग लेने की उम्मीद है। AAPI, जो अमेरिका में 100,000 से अधिक भारतीय मूल के डॉक्टरों और 40,000 मेडिकल स्टूडेंट्स और रेजिडेंट्स का प्रतिनिधित्व करता है, स्वास्थ्य नीति में सुधार और बदलाव के लिए लंबे समय से सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
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इस वर्ष लेजिस्लेटिव डे पर जिन विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा उनमें शामिल हैं:
Medicare/Medicaid रिइम्बर्समेंट
प्रायर ऑथराइज़ेशन प्रक्रिया में सुधार
इमिग्रेशन रिफॉर्म, विशेष रूप से H-1 और J-1 वीज़ा को लेकर
रेजिडेंसी स्लॉट्स में वृद्धि
डॉक्टरों की कमी और मेडिकल प्रैक्टिस से जुड़ी चुनौतियां
AAPI के अध्यक्ष-चुने गए डॉ. अमित चक्रवर्ती ने कहा, “तीन दशक पुरानी यह परंपरा राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीतियों में कई बड़े बदलाव लाने का माध्यम बनी है। ट्रंप प्रशासन और नए नेतृत्व के साथ हमें नए सिरे से संवाद की ज़रूरत है।” डॉ. सुधीर पारिख ने कहा, “यह समय है कि हम डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों से जुड़ी समस्याओं को संसद तक पहुँचाएं और सुनिश्चित करें कि हमारे जनप्रतिनिधि इन पर कार्रवाई करें।”
AAPI उपाध्यक्ष डॉ. मेहर मेदावरम ने बताया कि अमेरिका में डॉक्टरों की भारी कमी है, और जब मेडिकेयर द्वारा फंडेड रेजिडेंसी स्लॉट्स 1997 से 1 लाख पर स्थिर हैं, तब इमिग्रेशन रिफॉर्म अत्यंत आवश्यक हो गया है। AAPI ने सभी संबंधित लोगों से अपील की है कि वे 8 मई को कैपिटल हिल पर पहुँचें और स्वास्थ्य नीति को आकार देने में अपनी भागीदारी दर्ज कराएं।
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