जैन धर्म के आध्यात्मिक नेता एवं शांति दूत आचार्य लोकेश मुनि ने अमेरिका के न्यूजर्सी में विश्व शांति केंद्र स्थापित करने का ऐलान किया है। अपनी शांति एवं सद्भाव यात्रा के तहत अमेरिका आए अहिंसा विश्व भारती संगठन के आचार्य लोकेश मुनि ने बताया कि इस केंद्र का उद्देश्य वैश्विक सद्भाव को बढ़ावा देना और शांति शिक्षण व प्रशिक्षण के माध्यम से संघर्षों का हल करना है।
आचार्य जी ने न्यू इंडिया अब्रॉड से बातचीत में बताया कि अपनी तरह का यह दूसरा केंद्र है। इससे पहले नई दिल्ली में ऐसा ही एक केंद्र स्थापित किया जा रहा है जिसका जिसका उद्घाटन इस वर्ष के अंत में होने वाला है।
उन्होंने अपनी शांति यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस यात्रा का मूल उद्देश्य अमेरिका में वर्ल्ड पीस सेंटर की स्थापना करना है, जो दुनिया में कहीं भी होने वाले संघर्षों को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया में चल रहे संघर्षों को देखते हुए इस केंद्र की महती आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि आज हम वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित करने वाले युद्ध देख रहे हैं, जिनमें बच्चों और महिलाओं का सबसे अधिक नुकसान होता है। विचारों में मतभेद स्वाभाविक हैं, लेकिन जब वे संघर्ष में बदल जाते हैं तो समस्याएं पैदा होती हैं। यह केंद्र धार्मिक सहिष्णुता और समझ को बढ़ावा देकर ऐसे मुद्दों को हल करने में मदद करेगा। शांति केंद्र न केवल संघर्षों का समाधान तलाशेगा बल्कि समग्र विकास पर भी जोर देगा। यह 'शांति राजदूतों' तैयार करेगा जो सक्रियता से संघर्ष के समाधान में शामिल होंगे और दुनिया भर में शांति को बढ़ावा देंगे।
आचार्य मुनि ने कहा कि यह केंद्र इसके अलावा सांस्कृतिक और धार्मिक दूरियों को पाटते हुए ध्यान, योग एवं आयुर्वेद की प्राचीन भारतीय विरासत को बढ़ावा देने का भी काम करेगा। केंद्र भारत के 'वसुधैव कुटुम्बकम' यानी पूरा विश्व एक परिवार है और सर्व धर्म समभाव अर्थात सभी धर्मों के लिए सम्मान के मौलिक दर्शन का प्रतिनिधित्व करेगा और
भारत की बहुलतावादी संस्कृति का प्रकाशस्तंभ बनेगा।
आचार्य मुनि ने बंदूक की हिंसा और मानसिक स्वास्थ्य जैसी समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि यह शांति केंद्र शिक्षण एवं प्रशिक्षण के माध्यम से इन चुनौतियों के समाधान में भूमिका निभाएगा। जलवायु परिवर्तन जैसे वैश्विक मुद्दों के समाधान की तत्काल आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन से पैदा हो रहीं समस्याओं के समाधान के लिए हमारे पास बहुत ज्यादा समय नहीं है।
आचार्य मुनि ने सामाजिक असंतुलन को दूर करने की आवश्यकता जोर देते हुए कहा कि हम ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां एक तरफ अत्यधिक गरीबी है तो दूसरी तरफ अपार धन है। इस असंतुलन को दूर किया जाना चाहिए। हमारी प्राचीन विरासत इसका समाधान प्रदान करती है। भगवान महावीर ने सिखाया है कि वास्तविक अंतर लाने के लिए शांति एवं अहिंसा का व्यावहारिक रूप से अभ्यास किया जाना चाहिए।
न्यूजर्सी स्थित ये शांति केंद्र भारत के बाहर अपनी तरह का पहला केंद्र होगा, जो वैश्विक शांति एवं सहयोग की दिशा में कार्य करेगा। आचार्य जी ने कहा कि यह पहल किसी एक धर्म, जाति या समुदाय तक सीमित नहीं होगी। इसमें समान विचारधारा वाले लोगों को शामिल किया जाएगा जो एक सुंदर विश्व का निर्माण करना चाहते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए सकारात्मक विरासत छोड़ना चाहते हैं।
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