एसोसिएशन फॉर कंप्यूटिंग मशीनरी (ACM) ने साल 2024 के 56 डिस्टिंगुइश्ड मेंबर्स की नई क्लास की घोषणा की है। इस सूची में तीन भारतीय-अमेरिकी शोधकर्ता पवन कुमार अदूरी, प्रतीक मित्तल और कौशिक चौधरी शामिल हैं।
इन तीन भारतीय-अमेरिकियों को कंप्यूटिंग क्षेत्र में अहम योगदान के लिए चुना गया है। ACM का यह सम्मान ऐसे लोगों को प्रदान किया जाता है जिनके पास कम से कम 15 साल का अनुभव हो और जिन्होंने कंप्यूटिंग के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया हो।
पवन कुमार अदूरी
आयोवा स्टेट यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस विभाग के अंतरिम विभागाध्यक्ष हैं। उन्हें कंप्यूटर की जटिलता, डेटा स्ट्रीम एल्गोरिदम और रिप्लिकेबिलिटी के बुनियादी सिद्धांतों में योगदान के लिए चुना गया है। अदूरी 2001 से आयोवा स्टेट यूनिवर्सिटी से जुड़े हुए हैं। उन्होंने विभाग में ग्रेजुएट एजुकेशन के निदेशक के रूप में भी काम किया है। उनका शोध कंप्यूटेशनल रिसोर्सेज जैसे टाइम, मेमोरी और रैंडमनेस को समझने पर केंद्रित है।
प्रतीक मित्तल
प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में इलेक्ट्रिकल एंड कंप्यूटर इंजीनियरिंग के प्रोफेसर हैं। उन्हें प्राइवेसी प्रिजर्विंग और सिक्योर सिस्टम में योगदान के लिए सम्मानित किया गया है। उनके शोध ने दुनिया भर में साइबर सिक्योरिटी के तरीकों खासकर एन्क्रिप्शन प्रोटोकॉल और एआई सिक्योरिटी को प्रभावित किया है। मित्तल को 2024 में ACM ग्रेस मरे हूपर अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें कई औद्योगिक और सरकारी पुरस्कार भी मिल चुके हैं।
कौशिक चौधरी
कौशिक यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास ऑस्टिन में प्रोफेसर हैं। उन्हें स्पेक्ट्रम एक्सेस, शेयरिंग, उपयोग और इंटेलिजेंट रेडियो के प्रोटोकॉल डिजाइन में योगदान के लिए चुना गया है। चौधरी का शोध वायरलेस सिस्टम, मल्टीमॉडल सेंसर फ्यूजन और नेटवर्क रोबोटिक्स पर केंद्रित है। उन्होंने कई बड़ी वायरलेस परियोजनाओं का नेतृत्व किया है। 2017 में उन्हें यूएस प्रेसिडेंशियल अर्ली करियर अवार्ड फॉर साइंटिस्ट्स एंड इंजीनियर्स से भी सम्मानित किया जा चुका है।
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