भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के बीच शुक्रवार को जर्मनी में महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय मुद्दों के अलावा पश्चिम एशिया, यूक्रेन और हिंद-प्रशांत की स्थिति पर भी चर्चा की।
Great to meet my friend US @SecBlinken this afternoon on #MSC2024 sidelines.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) February 16, 2024
Our talk centered on the situation in West Asia, Ukraine and Indo-Pacific. Reviewed the continuing progress in our bilateral ties. pic.twitter.com/adZSFKw5By
जयशंकर और ब्लिंकन के बीच यह बैठक म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के इतर हुई। बैठक में नेताओं ने दोनों देशों के बीच आपसी संबंधों को और मजबूत करने के लिए संयुक्त रूप से काम करने की बात की। ब्लिंकन ने भारत के साथ संबंधों को दुनिया में सबसे अहम करार दिया।
बैठक में जयशंकर ने भारत और अमेरिका के बीच विदेश नीति के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका के साथ अपने संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। ब्लिंकन ने भारत के साथ अमेरिका के संबंधों की महत्ता को मान्यता देते हुए आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
The U.S.-India partnership advances security throughout the region and the world.
— Secretary Antony Blinken (@SecBlinken) February 16, 2024
At the @MunSecConf, @DrSJaishankar and I discussed our cooperation on maritime security in the Red Sea and ongoing efforts to secure lasting peace and security in the Middle East. pic.twitter.com/e1FSEY7Yll
जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि एमएससी 2024 के मौके पर अपने दोस्त अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन से मिलकर बहुत अच्छा लगा। हमने पश्चिम एशिया, यूक्रेन और हिंद-प्रशांत की स्थिति पर केंद्रित बातचीत की। साथ ही, द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा भी की।
अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने बैठक के बाद कहा कि अमेरिका और भारत के बीच एक असाधारण साझेदारी है, जो हाल के वर्षों में और अधिक मजबूत हुई है। यह हमारे लिए दुनिया में अन्य किसी के साथ संबंधों से ज्यादा अहम है।
दोनों विदेश मंत्रियों के बीच यह बैठक ऐसे समय हुई है, जब अमेरिका ने हाल ही में भारत को 31 हथियारबंद एमक्यू 9बी प्रीडेटर ड्रोन बेचने पर मुहर लगाई है। इससे पहले दोनों देशों के बीच सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित हत्या के प्रयास को लेकर अमेरिकी की तरफ से लगाए गए आरोपों से रिश्तों में बैचेनी आ गई थी।
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