भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति से मिलने के लिए अमेरिका जाते हुए पेरिस में (10-11 फरवरी 2025 को) AI एक्शन शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता की। उधर, 13 फरवरी को बेंगलुरु में एलायंस लिटरेरी फेस्टिवल में वक्ताओं ने कहा कि भारतीय लोग AI क्रांति में एक बड़ी भूमिका निभाएंगे। उत्सव का विषय था- एशियाई सदी में आपका स्वागत है।
लेखक जयंत कोल्ला की पुस्तक 'AI राइजिंग: इंडियाज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ग्रोथ स्टोरी' भारत में 20-26 वर्ष के युवाओं द्वारा AI 101 के रूप में व्यापक रूप से पढ़ी गई है। कोल्ला ने AI क्रांति में भारतीयों द्वारा निभाई जा रही भूमिका पर अपना आशावाद साझा किया।
कोल्ला ने कहा कि यदि आप दुनिया में AI पर आने वाले शोध पत्रों को देखेंगे तो पाएंगे कि 25-30 प्रतिशत योगदानकर्ता भारतीय हैं। जहां तक AI इनोवेशन और विकास का सवाल है भारतीय फल-फूल रहे हैं लेकिन वे इसे भारत के बाहर कर रहे हैं। कोल्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस में AI एक्शन समिट में अपने भाषण में AI के विकास में भारत की भूमिका के लिए एक बहुत अच्छा रास्ता दिखाया है।
भारत ग्लोबल साउथ के लिए DPI सक्षमता के वास्ते AI प्लेटफॉर्म और बुनियादी ढांचा प्रदाता बनेगा
कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी AI द्वारा संवर्धित अच्छी तरह से डिज़ाइन किया गया डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा (DPI) विकास के लिए डेटा के उपयोग, नई नौकरियां पैदा करने और बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा परिणाम देने में सक्षम हो सकता है।
1.4 अरब लोगों के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण में भारत की उपलब्धियों को देखते हुए भारत के लिए ग्लोबल साउथ में DPI की तैनाती में अग्रणी बनने का अवसर है। कोल्ला ने कहा कि जिस टीम ने भारत के बड़े DPI का निर्माण किया है उसने इसे टेम्पलेट बनाने और इसे तीन सप्ताह में देशों में निर्यात करने का एक तरीका ढूंढ लिया है।
DPI जिसे इंडिया स्टैक के नाम से जाना जाता है, भारत का BRI बनने जा रहा है
आधार (डिजिटल पहचान), यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI), डिजिलॉकर (डॉक्यूमेंट स्टोरेज), DIKSHA (एजुकेशन प्लेटफॉर्म), गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM), अकाउंट एग्रीगेटर फ्रेमवर्क, ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC), आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, eSanjeevani, डिजिटल रुपया, ओपन क्रेडिट इनेबलमेंट नेटवर्क (OCEN), यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI), नामयात्री आदि जैसे DPI को भारत द्वारा ग्लोबल साउथ के देशों में तैनात किया जा सकता है।
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