मानवी पंत
अजय जैन भुटोरिया का जन्म राजस्थान में हुआ। पालन-पोषण पूर्वोत्तर भारत के असम में हुआ। अधिकांश प्रारंभिक शिक्षा वहीं हुई। अजय अकादमिक रूप से प्रतिभाशाली थे और असम बोर्ड परीक्षा में उन्हें शीर्ष 20 छात्रों में स्थान मिला था। हाई स्कूल के बाद उन्होंने केमिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। बाद में भारत में कुछ समय बिताने के बाद वह एमबीए करने के लिए अमेरिका चले आए। यहां उन्होंने प्राइस वॉटरहाउस और आईबीएम जैसी कंपनियों के साथ काम किया। बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए आईटी, प्रौद्योगिकी और मानव संसाधन प्रक्रियाओं और व्यवस्था परिवर्तनों पर ध्यान केंद्रित किया।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ अजय। Image : NIA
लेकिन अजय के जीवन में एक दिलचस्प मोड़ तब आया जब वह सैन फ्रांसिस्को में पहली बार राष्ट्रपति ओबामा से मिले। इस रोमांचक मुलाकात ने उन्हें डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ गहराई से जुड़ने का अवसर दिया। अजय पार्टी के लिए समय देने लगे और साथ ही धन जुटाने की गतिविधियों में शामिल होने लगे। उनकी बढ़ती भागीदारी ने उन्हें तत्कालीन उपराष्ट्रपति और प्रथम महिला सहित प्रमुख हस्तियों से परिचित कराया और उन्होंने मुफ्त सामुदायिक कॉलेज कार्यक्रम जैसी पहल में भाग लिया।
राष्ट्रपति जो बाइडन और उप राष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ अजय भुटोरिया। Image : NIA
हिलेरी क्लिंटन के राष्ट्रपति अभियान के दौरान भारतीय-अमेरिकी उद्यमी अजय ने AAPI राष्ट्रीय वित्त समिति में सह-अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और अभियान संबंधी गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लिया। उस अवधि को याद करते हुए अजय कहते हैं कि मेरे घर पर राष्ट्रपति क्लिंटन की मेजबानी करना मेरी सबसे अहम यादगार है।
यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अजय जैन। Image : NIA
हालांकि पूर्व प्रथम महिला हिलेरी क्लिंटन चुनाव हार गईं लेकिन अजय की राजनीतिक भागीदारी मजबूत और गहरी होती चली गई। जब अगला राष्ट्रपति चुनाव नजदीक आया तो तत्कालीन डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडन के नेतृत्व के प्रति आश्वस्त होकर उन्होंने पहले दिन से ही प्रचार करना शुरू कर दिया और अधिकाधिक मतदान सुनिश्चित करने के लिए नये-नये कदम उठाए।
यह जानना किसी के लिए भी दिलचस्प हो सकता है कि आखिर अजय के जेहन में जनता का ध्यान खींचने वाली गतिविधियां और रणनीतियां कैसे आती हैं। इसका भेद अजय खुद ही खोलते हैं और इसका श्रेय भारतीय विरासत को देते हैं। वे बताते हैं कि भारत की विरासत से उनकी जड़ें गहरे में जुड़ी हैं और यही जुड़ाव लोगों को आकर्षित करने वाली समझ को समृद्ध करने में एक अहम भूमिका निभाता है। राजनीतिक रणनीतिकार कहते हैं कि भोजन, संगीत और संस्कृति...सभी शक्तिशाली संयोजक हैं।
उदाहरण के तौर पर अजय बताते हैं कि उनके कुछ दोस्त बॉलीवुड सिंगर हैं। उनकी मदद से हमने लोगों को वोट देने के लिए प्रेरित करने वाले लोकप्रिय भारतीय गीतों को आकर्षक वीडियो में बनाया। कुछ ही समय में इन वीडियो को सैकड़ों हजारों बार देखा गया और अविश्वसनीय रूप से वह संदेश बेहतर तरीके से ग्रहण किया जो हम देना चाहते थे। यानी किसे वोट करना है।
जब उनसे POTUS के प्रति उनके आकर्षण और उनके अडिग समर्थन के कारणों के बारे में पूछा गया तो अजय ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन दृढ़ता से लोगों को एकजुट करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। उनका राष्ट्रपति कार्यकाल उनकी अपनी आव्रजन नीतियों में कहीं अधिक समावेशी है।
इन तमाम वर्षों में अजय ने जो सफलता और पहचान अर्जित की है उसे देखते हुए कई लोगों के लिए यह आश्चर्य की बात है कि उनकी अमेरिका यात्रा हाथ में दो सूटकेस के साथ शुरू हुई। इस बात को वह अक्सर अपने बच्चों के साथ विनोदपूर्ण अंदाज में साझा करते हैं। अमेरिका में शुरुआती वर्ष उनके लिए विशेष रूप से अस्थिर थे क्योंकि उन्हें वहां रहने, वीजा विस्तार और नवीनीकरण प्रक्रिया के संबंध में अनिश्चितता का सामना करना पड़ा। लेकिन किसी तरह वह आगे बढ़े। अलबत्ता इस चरण ने अजय को बहुत प्रभावित किया। फिर धीरे-धीरे अजय स्थापित होते चले गये।
समय के साथ-साथ अजय की सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियां बढ़ती चली गईँ और साथ ही बढ़ता चला गया उनका राजनीतिक और विशेष रूप से रणनीतिकार के रूप में रुतबा। राष्ट्रपति बाइडन ने अजय को एशियाई अमेरिकी प्रशांत द्वीपसमूह और मूल हवाईयन आयोग (AAPI और NHPI ) के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया। उन्होंने कई भारतीय और एशियाई आप्रवासियों द्वारा अनुभव की गई अप्रवासन चुनौतियों को हल करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया।
आज फ्रेमॉन्ट, कैलिफ़ोर्निया के रहने वाले अजय अपनी यात्रा और इस दौरान मिले अवसरों के लिए बेहद आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने अमेरिका के सबसे बड़े रेडियो स्टेशनों में से एक रेडियो जिंदगी की सह-स्थापना की है। वह यंग लीडरशिप अकादमी जैसी शैक्षिक पहल में शामिल रहे हैं जो युवाओं को नेतृत्व प्रशिक्षण प्रदान करती थी। पिछले दस वर्षों से वह हर सप्ताहांत अपने समुदाय के जरूरतमंदों और बेघरों को गर्म भोजन उपलब्ध कराते हैं। उन्होंने एक पुस्तक भी लिखी है जो सुखी जीवन के लिए प्रबंधन का गुर समझाती है।
अजय वर्तमान में डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी के अभियान में काम कर रहे हैं और 2024 के राष्ट्रपति चुनावों के लिए बाइडन-हैरिस सरकार के पुन: चुनाव का समर्थन करने पर केंद्रित हैं। उनका मुख्य काम पार्टी के लिए अभियान से जुड़ी रणनीति बनाने का है। यानी अजय इन दिनों वर्तमान सत्ता की वापसी के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login