राजस्थान के गुलाबी बलुआ पत्थरों से निर्मित UAE का पहला हिंदू मंदिर अपनी भव्यता से दुनियाभर के लोगों को आकर्षित कर रहा है। 27 एकड़ में बना 108 फुट ऊंचा यह मंदिर वास्तुशिल्प का चमत्कार माना जा रहा है। मंदिर प्रबंधन के मुताबिक मंदिर के दोनों किनारों पर गंगा और यमुना नदी का पवित्र जल बहता है, जो विशाल कंटेनरों में भारत से लाया गया था।
मंदिर यूएई की राजधानी अबू धाबी में 'अल वाकबा' नाम की जगह पर बनाया गया है। यह धर्म स्थल 20,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। हाइवे से सटी अल वाकबा नामक जगह अबू धाबी से तकरीबन 30 मिनट की दूरी पर है। यूएई का पहला हिंदू मंदिर भले ही 2023 में बनकर तैयार हुआ, लेकिन इसकी कल्पना करीब ढाई दशक पहले 1997 में बीएपीएस संस्था के तत्कालीन प्रमुख स्वामी महाराज ने की थी। आइए इस मंदिर और इस जगह की कुछ और विशेषताओं के बारे में जानते हैं।
बीएपीएस हिंदू मंदिर संयुक्त अरब अमीरात में पहला पारंपरिक हिंदू पत्थर मंदिर है। यह हिंदू मंदिर अबू धाबी के अबू मुरीखा जिले में स्थित है। विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने सोमवार को बताया कि बुधवार को इसके उद्घाटन के दिन लगभग 2000-5000 भक्तों के मंदिर में आने की उम्मीद है। मंदिर की आधारशिला अप्रैल 2019 में रखी गई थी और निर्माण कार्य उसी वर्ष दिसंबर में शुरू हुआ था।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, अबू धाबी के क्राउन प्रिंस और संयुक्त अरब अमीरात सशस्त्र बलों के उप सर्वोच्च कमांडर, शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने 2015 में मंदिर के निर्माण के लिए 13.5 एकड़ जमीन दान की थी। संयुक्त अरब अमीरात सरकार ने जनवरी 2019 में अतिरिक्त 13.5 एकड़ जमीन उपहार में दी।
2018 में पीएम मोदी ने अबू धाबी में मंदिर की नींव रखी थी। रिपोर्टों के अनुसार, बीएपीएस हिंदू मंदिर के निर्माण की लागत 400 मिलियन संयुक्त अरब अमीरात दिरहम होने का अनुमान है। महंत स्वामी महाराज के मार्गदर्शन में ब्रह्मविहारीदास स्वामी द्वारा परियोजना की निगरानी की गई।बीएपीएस हिंदू मंदिर का उद्घाटन समारोह 'फेस्टिवल ऑफ हार्मनी' के रूप में मनाया जा रहा है।
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