ADVERTISEMENTs

राजदूत गार्सेटी ने देखी विश्व प्रसिद्ध 'जयपुर फुट' को बनाने की पद्धति, सराहना की

गार्सेटी ने लिखा- जयपुर फ़ुट संगठन की यात्रा वास्तव में प्रेरणादायक है। पता चला कि विभिन्न अमेरिकी शैक्षिक और अनुसंधान संस्थानों के साथ जयपुर फुट का सहयोग है। यह विश्व स्तर पर लाखों लोगों को संस्था द्वारा प्रदान किया जा रहा एक अविश्वसनीय उपहार है।

राजदूत गार्सेटी ने अपनी BMVSS यात्रा का अनुभव सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी साझा किया। / Image : X@USAmbIndia

भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने अपनी जयपुर यात्रा के दौरान विश्व प्रसिद्ध जयपुर फुट (कृत्रिम पांव) के निर्माण की पद्धति को देखा। गार्सेटी जयपुर में भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति (BMVSS) पहुंचे और देखा कि जयपुर फुट का निर्माण किस तरह से किया जाता है। 

BMVSS के संस्थापक और मुख्य संरक्षक ने अतिथि राजदूत को जयपुर फुट की निर्माण प्रक्रिया दिखाई और कहा कि अपने उच्च प्रदर्शन और गुणवत्ता के कारण कृत्रिम अंग ने अब तक भारत और विदेशों में 22 लाख लोगों को लाभ पहुंचाया है। डीआर मेहता ने कहा कि जयपुर फुट की मौजूदगी 42 देशों में है और यह विकलांग व्यक्तियों को निःशुल्क प्रदान किया जाता है।

विनिर्माण प्रक्रिया देखने के बाद राजदूत गार्सेटी ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि जयपुर फुट उच्च गुणवत्ता और कम लागत वाला कृत्रिम अंग है और हर साल हजारों लोगों को सम्मान के साथ चलने में मदद कर रहा है। 

गार्सेटी ने कहा कि उन्हे यह जानकर और भी खुशी हुई कि यह अंग जरूरतमंदों को बगैर किसी पैसे के दिया जाता है। इससे पता चलता है कि संस्थान जरूरतमंद लोगों के प्रति कितनी निष्ठा और चिंता रखता है। यह जानकर भी खुशी हुई कि देश में अपने विभिन्न केंद्रों के माध्यम से BMVSS हर साल 35 000 से अधिक लोगों को जयपुर फुट और अन्य सहायता उपकरण प्रदान करता है।

राजदूत गार्सेटी ने अपनी BMVSS यात्रा का अनुभव सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी साझा किया है। गार्सेटी ने लिखा- जयपुर फ़ुट संगठन की यात्रा वास्तव में प्रेरणादायक है। पता चला कि विभिन्न अमेरिकी शैक्षिक और अनुसंधान संस्थानों के साथ जयपुर फुट का सहयोग है। यह विश्व स्तर पर लाखों लोगों को संस्था द्वारा प्रदान किया जा रहा एक अविश्वसनीय उपहार है। अमेरिकी सरकार को विकलांगता अधिकारों को आगे बढ़ाने और समावेशन के माहौल को बढ़ावा देने पर गर्व है। तकनीकी और अनुसंधान सहयोग इस बात का एक बड़ा उदाहरण है कि कैसे अमेरिका और भारत की साझेदारी लोगों के जीवन को बदल सकती है।

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video

 

Related