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अमेरिकी प्रवासी ने भारत में 'समृद्ध जीवन' के लिए अपना देश छोड़ने के फैसले का किया बचाव!

फिशर ने विस्तार से बताया कि जहां अमेरिका वित्तीय लाभ पर ध्यान केंद्रित करने वालों के लिए आदर्श हो सकता है वहीं भारत व्यक्तिगत विकास और संतुष्टि की गहरी भावना प्रदान करता है।

स्काईफिश डेवलपमेंट की सामग्री निर्माता क्रिस्टन फिशर ने इंस्टाग्राम पर बताया कि वह अमेरिका से भारत क्यों स्थानांतरित हुईं। / Instagram/@kristenfischer3

पिछले दो वर्षों से दिल्ली में रहने वाली एक अमेरिकी महिला ने हाल ही में भारत बनाम अमेरिका में रहने की खूबियों को लेकर सोशल मीडिया पर जो वीडियो साझा किया है उससे ऑनलाइन हलचल मच गई है। चर्चा चालू है। स्काईफिश डेवलपमेंट की सामग्री निर्माता क्रिस्टन फिशर ने इंस्टाग्राम पर बताया कि वह अमेरिका से भारत क्यों स्थानांतरित हुईं। उन्होंने दावा किया कि भारत उन्हें और उनके परिवार के लिए जीवन की बेहतर गुणवत्ता प्रदान करता है।

फिशर ने वीडियो में दोनों देशों के बारे में दो आम धारणाओं को दूर करते हुए कहा कि हमेशा एक ही सवाल होता है, 'आखिरकार मैं अमेरिका छोड़कर भारत क्यों आना चाहूंगी?' उन्होंने बताया कि उनके लिए भारत एक समृद्ध, अधिक सार्थक जीवनशैली प्रदान करता है और उनका मानना ​​है कि यह उनके बच्चों को भविष्य में सफलता के लिए तैयार करेगा।

फिशर ने विस्तार से बताया कि मुझे लगता है मेरे बच्चे भारत में अधिक सफल जीवन और भविष्य के लिए तैयार हो रहे हैं। उनके पास इतना समृद्ध जीवन, अनुभव और समुदाय होगा जो उन्हें अमेरिका में कभी नहीं मिला होगा।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जहां अमेरिका वित्तीय लाभ पर ध्यान केंद्रित करने वालों के लिए आदर्श हो सकता है वहीं भारत व्यक्तिगत विकास और संतुष्टि की गहरी भावना प्रदान करता है। फिशर के फैसले से उनके 58,000 फॉलोअर्स में प्रतिक्रियाओं की लहर है। इसमें मजबूत सहमति से लेकर विरोधाभासी दृष्टिकोण तक शामिल था।

हालांकि हर कोई सहमत नहीं था। एक ने सुरक्षा चिंताओं को लेकर लिखा कि भारत महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है। इसके जवाब में दूसरे ने कहा- और न अमेरिका। इस लिहाज से जर्मनी और स्कैंडिनेवियाई देश कहीं बेहतर हैं। और इज़राइल- आश्चर्यजनक रूप से।

खुद को विदेशी बताने वाले एक अन्य शख्स ने भारत में जीवन पर सकारात्मक दृष्टिकोण रखा। उसने प्रतिक्रिया में लिखा- बिल्कुल सही कहा। मैं तिब्बती हूं। भारत में जन्मा और पला-बढ़ा हूं लेकिन अब एक डच नागरिक हूं। जब मैं भारत में था तो मेरा जीवन मेरे दिमाग और स्वास्थ्य के मामले में काफी बेहतर था। आप कभी भी अकेलापन महसूस नहीं करते। मैं अगले साल भारत वापस जाने की सोच रहा हूं।

 

 

 

 

 

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