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जय भट्टाचार्य ने सीनेट पुष्टि में कहा- पिछड़ रहा है अमेरिकी स्वास्थ्य

स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और महामारी-युग के लॉकडाउन के लंबे समय से आलोचक भट्टाचार्य ने अमेरिकी बायोमेडिकल विज्ञान में विश्वास बहाल करने के लिए अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।

सीनेट समिति के समक्ष जय भट्टाचार्य। / senate.gov

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के निदेशक पद के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा नामित जय भट्टाचार्य ने सीनेट स्वास्थ्य समिति को बताया कि संयुक्त राज्य अमेरिका एक बिगड़ते सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहा है।

स्थिर जीवन प्रत्याशा, बढ़ती पुरानी बीमारियों और कोविड ​​​-19 महामारी के लंबे समय तक रहने वाले प्रभावों का हवाला देते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि अमेरिकी स्वास्थ्य पीछे की ओर जा रहा है जो कि एक गहरी चिंता की बात है।

अपने प्रारंभिक वक्तव्य के दौरान भट्टाचार्य ने मोटापा, हृदय रोग और कैंसर से पीड़ित लाखों अमेरिकियों की ओर इशारा करते हुए 'पुरानी बीमारी के संकट' से निपटने की तात्कालिकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि 2012 और 2019 के बीच जीवन प्रत्याशा स्थिर हो गई थी मगर महामारी के दौरान कम हो गई और अभी भी महामारी से पहले के स्तर पर वापस नहीं आई है।

पुष्टि होने पर उन्होंने इन रुझानों को उलटने के लिए NIH अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करने का वादा करते हुए कहा कि मैं स्वर्ण मानक विज्ञान और नवाचार के साथ देश की गंभीर स्वास्थ्य आवश्यकताओं को संबोधित करने के लिए NIH को प्रतिबद्ध करने के राष्ट्रपति ट्रम्प और सचिव कैनेडी के एजेंडे को आगे बढ़ाऊंगा।  

स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और महामारी-युग के लॉकडाउन के लंबे समय से आलोचक भट्टाचार्य ने अमेरिकी बायोमेडिकल विज्ञान में विश्वास बहाल करने के लिए अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।

भट्टाचार्य ने कहा कि महामारी के बाद अमेरिकी बायोमेडिकल विज्ञान एक चौराहे पर है। उन्होंने नवंबर 2024 के प्यू अध्ययन की ओर इशारा करते हुए कहा कि वैज्ञानिकों पर जनता का विश्वास कम हो गया है। केवल 26 फीसदी अमेरिकियों ने इस क्षेत्र में मजबूत विश्वास व्यक्त किया है। NIH को अपने काम को फिर से जनता के भरोसे के लायक बनाना चाहिए।

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