अमेरिकन गायिका, गीतकार और संगीतकार रोबर्टा फ्लैक को उनके संगीत और कल्चर में शानदार योगदान के लिए प्रतिष्ठित श्री चिन्मय कल्चर-लाइट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। ये अवॉर्ड उन लोगों को दिया जाता है जो संगीत, कला, साहित, नेतृत्व और स्पोर्ट्स के जरिए मानवता को ऊपर उठाने का काम करते हैं।
ये अवॉर्ड उनके न्यू यॉर्क स्थित घर पर 16 फरवरी को आयोजित एक छोटे से कार्यक्रम में दिया गया था। 24 फरवरी को 88 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। रोबर्टा फ्लैक, अपनी कमाल की कलाकारी और दिल छू लेने वाले गानों के लिए मशहूर थीं। वो पहली संगीतकार थीं जिन्होंने लगातार दो साल ग्रैमी अवॉर्ड फॉर रिकॉर्ड ऑफ द ईयर जीता था। उनके गाने आज भी लोगों को मंत्रमुग्ध करते हैं।
अपनी मशहूर गायकी के अलावा रोबर्टा फ्लैक, भारतीय आध्यात्मिक गुरु कवि और संगीतकार श्री चिन्मय की लंबे वक्त से मेडिटेशन शिष्या भी थीं। अवॉर्ड देने वाले फंक्शन में श्री चिन्मय सेंटर की डायरेक्टर रंजना घोष ने अवॉर्ड सर्टिफिकेट पढ़ा, जिसमें श्री चिन्मय जी की एक कविता भी थी जो रोबर्टा के काम की भावना को बयां करती है:
'भगवान ने मुझे कभी दुनिया से अलग रहने का गीत गाने के लिए प्रेरित नहीं किया। उल्टे, उन्होंने मुझे दुनिया को अपनाने का गीत गाने और दुनिया को बदलने का नृत्य करने के लिए प्रेरित, उत्साहित और आशीर्वाद दिया।'
1980 के दशक में श्री चिन्मय ने रोबर्टा को 'अद्वितीया' नाम दिया था, जिसका मतलब है 'परम अद्वितीय चेतना-आनंद'। उन्होंने रोबर्टा के सम्मान में एक गाना भी बनाया था, जो उनके आध्यात्मिक सार और कलात्मक विरासत को दर्शाता है।
अवॉर्ड की क्रिस्टल ट्रॉफी पर श्री चिन्मय जी की पेंटिंग 'यूनिटी' की नक्काशी है, जिस पर उनके शांति-पक्षी के चित्र भी बने हुए हैं। ये सद्भाव और आत्मा की अनंत आकांक्षाओं के प्रतीक हैं। इससे पहले आर्चबिशप डेसमंड टूटू, प्रेसिडेंट मिखाइल गोर्बाचेव, अमेरिकन कंपोजर फिलिप ग्लास और भारतीय संगीतकार एल. सुब्रमण्यम और कविता कृष्णमूर्ति जैसे महान हस्तियों को भी ये अवॉर्ड मिल चुका है।
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