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अमिताव घोष और झुम्पा लाहिड़ी अमेरिका की प्रतिष्ठित एकेडमी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज में

अमिताव घोष और झुम्पा लाहिड़ी को एकेडमी में शामिल करने की घोषणा प्रेसिडेंट डेविड डब्ल्यू ऑक्स्टोबी और निदेशक मंडल के अध्यक्ष गुडविन एच लियू ने की।

अमिताव घोष और झुम्पा लाहिड़ी / images: Websites

अमेरिकन एकेडमी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज में भारतीय मूल के दो प्रमुख साहित्यकार अमिताव घोष और झुम्पा लाहिड़ी को शामिल किया गया है। ये दोनों उन 250 व्यक्तियों में शामिल हैं, जिन्हें उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए इस प्रतिष्ठित संस्था में जगह दी गई है। 

अमिताव घोष और झुम्पा लाहिड़ी को एकेडमी में शामिल करने की घोषणा प्रेसिडेंट डेविड डब्ल्यू ऑक्स्टोबी और निदेशक मंडल के अध्यक्ष गुडविन एच लियू ने की। अमिताव और झुम्पा को चौथी क्लास के ह्यूमैनिटीज, आर्ट्स एंड लिटरेचर कैटिगरी में जगह दी गई है। 

अमिताव घोष भारतीय मूल के प्रख्यात लेखक हैं। उन्हें उनके साहित्यिक योगदान का सम्मान करते हुए अकादमी के लिए चुना गया है। घोष के उपन्यास दक्षिण पूर्व एशिया की जटिलताओं को बयां करते हैं। उन्हें साहित्यिक योगदान के लिए 2018 में प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार भी मिल चुका है।

झुम्पा लाहिड़ी भी नामचीन लेखक, अनुवादक और आलोचकों में शुमार हैं। अमेरिका में बंगाली प्रवासियों के अनुभवों को दर्शाते लाहिड़ी के नरेटिव्स को दुनिया भर में पाठक पसंद करते हैं। उनकी प्रतिभा अंग्रेजी से इतालवी साहित्य तक फैलीहै। उन्होंने फिक्शन और नॉन-फिक्शन दोनों लिखे हैं।

अमिताव घोष का जन्म कोलकाता में हुआ है। वहीं लाहिड़ी लंदन में पैदा हुईं और अमेरिका में पली-बढ़ीं। घोष ने दिल्ली विश्वविद्यालय से लेकर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय तक पढ़ाई की है। ऑक्सफोर्ड से उन्होंने पीएचडी करने के बाद उन्होंने कई प्रतिष्ठित संस्थानों में अध्यापन भी किया है।

अमिताव घोष और लाहिड़ी को अमेरिकन एकेडमी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज में शामिल किया जाना वैश्विक साहित्यिक परिदृश्य पर उनके गहरे प्रभाव को दिखाता है। उनका योगदान पहचान, प्रवास और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर संवाद को समृद्ध बनाता है।


 

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