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एंटीगुआ और बारबुडा में यूएन का विशेष सम्मेलन, AUA ने की मेजबानी

इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन स्मॉल आइलैंड डेवलपिंग स्टेट्स पर संयुक्त राष्ट्र के चौथे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (SIDS4) में 5,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने एसआईडीएस के सामने आने वाली चुनौतियों पर मंथन किया।

(बाएं से) गुयाना में भारतीय उच्चायुक्त डॉ. अमित तेलंग, एयूए के निवर्तमान अध्यक्ष नील साइमन, भारतीय विदेश मंत्रालय में उपसचिव पवन कपूर, एयूए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं सीओओ वर्नोन सोलोमन और एंटीगुआ व बारबुडा में भारत के महावाणिज्य दूत विजय तेवानी। / Courtesy Photo

कैरिबियन में एंटीगुआ और बारबुडा द्वीप स्थित अमेरिकन यूनिवर्सिटी ऑफ एंटीगुआ (AUA) की तरफ से इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन स्मॉल आइलैंड डेवलपिंग स्टेट्स (SIDS4) पर संयुक्त राष्ट्र के चौथे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी की गई। वैश्विक स्थिरता के प्रयासों का बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस सम्मेलन का आयोजन 27 मई से 30 मई तक किया गया। 

इस सम्मेलन का विषय चार्टिंग द कोर्स टुवर्ड्स रेजिलिएंट प्रॉस्पेरिटी रहा। इस दौरान 5,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने एसआईडीएस के सामने आने वाली चुनौतियों पर मंथन किया। उद्घाटन समारोह में शांति, एकता व एसआईडीएस के उज्जवल भविष्य के प्रति संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबद्धता जताते हुए प्रतीकात्मक ध्वजारोहण किया गया। 

संयुक्त राष्ट्र में आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के अंडर सेक्रेटरी जनरल ली जुन्हुआ ने अपने संबोधन में पूरे विश्व में एसआईडीएस देशों के साथ एकजुटता पर जोर दिया। जुन्हुआ ने कहा कि यहां सेंट जॉन्स में हमारा झंडा फहराना संदेश है कि पूरा विश्व लघु द्वीपों के विकास करने वाले देशों के साथ एकजुटता से खड़ा है।

इस सम्मेलन ने एंटीगुआ की अमेरिकन यूनिवर्सिटी को एसआईडीएस का समर्थन करने के अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों में अगुआ की तरह स्थापित कर दिया है। इस सम्मेलन के एजेंडे में सतत विकास, जलवायु परिवर्तन, सामाजिक आर्थिक चुनौतियों आदि पर चर्चा शामिल थी। उम्मीद है कि इन चर्चाओं से एसआईडीएस और पूरी दुनिया के उज्जवल भविष्य को आकार मिलेगा। 

एयूए के प्रेसिडेंट नील साइमन ने विश्वविद्यालय की तरफ से वैश्विक मुद्दों के समाधान के उपायों के समर्थन की बात दोहराई। उन्होंने दुनिया के सामने आने वाली जटिल चुनौतियों से निपटने में सक्षम भविष्य के नेताओं को सशक्त बनाने में सहयोग की एयूए की प्रतिबद्धता भी जताई।

यह सम्मेलन एसआईडीएस समुदायों की समृद्ध विरासत व साझा ज्ञान को प्रदर्शित करने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का मंच भी बना। एयूए का कहना है कि वह भविष्य की पीढ़ियों को सशक्त बनाने में लगातार अपनी भूमिका निभाता रहेगा ताकि सभी के लिए एक टिकाऊ, न्यायसंगत और समृद्ध दुनिया का निर्माण किया जा सके।
 

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