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एप्पल ने भारतीय मूल के दिग्गज केवन पारेख को सौंपा ये अहम लीडरशिप पद

केवन पारेख पिछले एक दशक से अधिक समय से एप्पल के साथ हैं। हाल तक वह फाइनेंशियल प्लानिंग एंड एनालिसिस के वाइस प्रेसिडेंट  के रूप में सेवाएं दे रहे थे।

केवन पारेख एप्पल में लुका मेस्ट्री की जगह लेंगे जो 1 जनवरी को नई भूमिका में जाएंगे।  / REUTERS/Gonzalo

दिग्गज टेक कंपनी एप्पल ने भारतीय मूल के केवन पारेख को अपना नया चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (सीएफओ) नामित किया है। केवन लुका मेस्ट्री की जगह लेंगे जो अगले साल 1 जनवरी को नई भूमिका में जाएंगे। 

एप्पल की लीडरशिप में ये बदलाव आने वाले महीनों में ऐप्पल के कई प्रोडक्ट्स की लॉन्चिंग से पहले हुआ है, जिसे विश्लेषक आईफोन के लिए सबसे बड़ा सॉफ्टवेयर अपग्रेड बता रहे हैं।

इसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता के कई फीचर शामिल हैं जो ग्लोबल मार्केट खासतौर से चीन में ऐप्पल की सुस्ती को दूर करने और प्रतिद्वंद्वियों की एआई अपग्रेड की चुनौती के लिहाज से अहम माने जा रहे हैं। 

केवन पारेख पिछले एक दशक से अधिक समय से एप्पल के साथ हैं। हाल तक वह फाइनेंशियल प्लानिंग एंड एनालिसिस के वाइस प्रेसिडेंट  के रूप में सेवाएं दे रहे थे। अब नई भूमिका में कंपनी की कार्यकारी समिति में भी शामिल होंगे। एप्पल से पहले पारेख थॉमसन रॉयटर्स और जनरल मोटर्स में सीनियर लीडरशिप भूमिकाएं निभा चुके हैं।

डीए डेविडसन के विश्लेषक गिल लुरिया का कहना है कि ऐसा लगता है कि नए सीएफओ के स्वागत की तैयारियां पहले से ही कर ली गई थीं जो कि एक महत्वपूर्ण बात है। इसके अलावा मेस्ट्री को ऐप्पल के साथ बनाए रखना भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे वित्तीय जोखिम की आंशकाएं कम हो जाती हैं।

एप्पल ने बताया है कि मेस्ट्री कॉरपोरेस सर्विसेज की अगुआई करते रहेंगे और इन्फॉर्मेशन सिस्टम्स एंड टेक्नोलोजी, इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी, रीयल एस्टेट एंड डेवलपमेंट में भी योगदान देंगे। उनकी रिपोर्टिंग सीईओ टिम कुक को होगी। 

मेस्त्री के कार्यकाल में ऐप्पल का रेवेन्यू दोगुने से अधिक हो गया है और सर्विसेज से कमाई पांच गुना बढ़ी है। 

इस महीने की शुरुआत में ऐप्पल ने कहा था कि तीसरी तिमाही में आईफोन की बिक्री उम्मीद से बेहतर रही है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लैस यह प्रोडक्ट खरीदारों को आगे भी आकर्षित करता रहेगा। 

हालांकि चीन में कंपनी के कारोबार में सुस्ती देखने को मिली है। हाल के वर्षों में नए मॉडलों में महत्वपूर्ण अपग्रेड की कमी और एंड्रॉइड स्मार्टफोन से प्रतिस्पर्धा की वजह से आईफोन की बिक्री में कमी देखी गई है। 
 

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