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स्वाति दवे की उपलब्धि, ऑस्ट्रेलियाई रिजर्व बैंक बोर्ड में जगह पाने वाली पहली भारतवंशी बनीं

स्वाति दवे ने 2017 से लेकर 2022 तक एक्सपोर्ट फाइनेंस ऑस्ट्रेलिया के प्रबंध निदेशक और सीईओ के रूप में कार्य किया है।

स्वाति दवे फिलहाल ऑस्ट्रेलिया-भारत संबंध केंद्र के सलाहकार बोर्ड की अध्यक्ष हैं। / Photo LinkedIn-Swati Dave

ऑस्ट्रेलिया सरकार ने स्वाति दवे को रिजर्व बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया (आरबीए) के बोर्ड में जगह दी है। बोर्ड के 64 साल के इतिहास में वह पहली भारतीय ऑस्ट्रेलियाई हैं, जो इस पद तक पहुंची हैं।

स्वाति दवे ने 2017 से लेकर 2022 तक एक्सपोर्ट फाइनेंस ऑस्ट्रेलिया के प्रबंध निदेशक और सीईओ के रूप में कार्य किया है। फिलहाल वह ऑस्ट्रेलिया-भारत संबंध केंद्र के सलाहकार बोर्ड की  अध्यक्ष, ऑस्ट्रेलियाई वित्तीय शिकायत प्राधिकरण में गैर-कार्यकारी निदेशक और व्यापार-2040 टास्कफोर्स की मेंबर हैं। 

स्वाति को 2024 में विक्टोरिया के ट्रेजरी कॉर्पोरेशन में गैर-कार्यकारी निदेशक और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के लिए बहुसांस्कृतिक राजदूत भी नियुक्त किया गया है। उन्होंने एशिया सोसाइटी ऑस्ट्रेलिया में डिप्टी चेयर और नेशनल फाउंडेशन फॉर ऑस्ट्रेलिया-चाइना रिलेशंस के सलाहकार बोर्ड मेंबर सहित अन्य महत्वपूर्ण भूमिकाएं भी निभाई हैं।

स्वाति ने बैंकर्स ट्रस्ट ऑस्ट्रेलिया, एएमपी हेंडरसन ग्लोबल इन्वेस्टर्स, ड्यूश बैंक और नेशनल ऑस्ट्रेलिया बैंक में वरिष्ठ भूमिकाएं निभाने से पहले वेस्टपैक में एसोसिएट डायरेक्टर के रूप में अपना करियर शुरू किया था। उन्होंने ग्रेट वेस्टर्न बैनकॉर्प, ऑस्ट्रेलियन हियरिंग और एसएएस ट्रस्टी कॉर्पोरेशन में गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में भी काम किया है।

सरकार ने स्वाति के अलावा रिजर्व बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया (आरबीए) के दो नवगठित बोर्डों में कुछ अन्य नियुक्तियों की भी की घोषणा की है। सरकार ने कहा कि हमने इस महत्वपूर्ण संस्थान का मार्गदर्शन करने के लिए असाधारण विशेषज्ञ और अनुभवी लोगों को चुना है। ये दिखाता है कि आरबीए वर्तमान और भविष्य की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार है।

ट्रेजरर जिम चामर्स ने स्वाति दवे की सराहना करते हुए कहा कि वह घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय फाइनेंसिंग में 30 से अधिक वर्षों की विशेषज्ञता के साथ अनुभवी बैंकिंग एक्जिक्यूटिव और गैर-कार्यकारी निदेशक हैं। उनका रणनीतिक नजरिया, कारोबारी कौशल और जोखिम प्रबंधन क्षमताएं उन्हें बोर्ड के लिए एक अमूल्य धरोहर बनाती हैं।

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