अमेरिकन सोसाइटी ऑफ सिविल इंजीनियर्स (ASCE) ने अनिल के. अग्रवाल को साल 2025 के मोइसेफ अवार्ड (Moisseiff Award) से सम्मानित किया है। उन्हें यह अवार्ड पुलों के स्ट्रक्चर की मजबूती पर उनकी रिसर्च के लिए दिया गया है। यह रिसर्च ASCE जर्नल ऑफ ब्रिज इंजीनियरिंग में अप्रैल 2024 में पब्लिश हुई थी।
अनिल अग्रवाल न्यूयॉर्क के सिटी कॉलेज में सिविल इंजीनियरिंग के हर्बर्ट जी. कैसर प्रोफेसर हैं। उन्हें रिसर्च पेपर रिलायबिलिटी बेस्ड फ्रेमवर्क फॉर स्ट्रक्चरल रोबस्टनेस इवैल्यूएशन ऑफ ब्रिजेस के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया है।
इस रिसर्च में एक नया मेथड बताया गया है जिससे ब्रिज स्ट्रक्चर की मजबूती और सेफ्टी को अलग-अलग परिस्थितियों में परखा जा सकता है। यह फ्रेमवर्क इंजीनियर्स को बेहतर डिज़ाइन तैयार करने और मरम्मत में बेहतर निर्णय लेने में मदद करता है जिससे ब्रिज की सेफ्टी और ड्युरेबिलिटी बढ़ती है।
अनिल अग्रवाल ने पुरस्कार के लिए अपनी टीम को क्रेडिट देते हुए कहा कि मैं ASCE का इस सम्मान के लिए धन्यवाद करता हूं। मैं अपने स्टूडेंट्स को बधाई देना चाहता हूं जिन्होंने इस महत्वपूर्ण रिसर्च के लिए बेहतरीन काम किया है। वे न्यूयॉर्क के सिटी कॉलेज और ग्रोव स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के लिए सम्मानित निधि हैं।
अनिल अग्रवाल ASCE के डिस्टींग्विश्ड मेंबर हैं। वह कई प्रमुख इंजीनियरिंग जर्नल्स के एडिटर भी रह चुके हैं। उन्हें पहले भी कई अवार्ड्स मिले हैं जिनमें 2022 का न्यूजर्सी डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च इम्प्लीमेंटेशन अवार्ड और रेमंड सी. रीज़ रिसर्च प्राइज़ शामिल हैं।
मोइसेफ अवार्ड के बारे में बताएं तो इसकी स्थापना 1947 में हुई थी। यह ASCE के स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग इंस्टिट्यूट का सबसे बड़ा सम्मान है। यह अवार्ड ब्रिज और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में अहम योगदान देने वाले एक्सपर्ट्स को दिया जाता है। इसे फेमस स्ट्रक्चरल इंजीनियर लियोन एस. मोइसेफ के नाम पर रखा गया है।
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