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अमेरिका में भारतीय मूल की आशना और यश्वी ने स्कॉलरशिप के लिए सेमीफाइनल में बनाई जगह

कैलिफोर्निया के कैलाबासास हाई स्कूल की आशना भाटिया और टेनेसी के ला ग्रेंज हाई स्कूल की यश्वी मोदी ने जैक केंट कुक फाउंडेशन कॉलेज स्कॉलरशिप के लिए सेमीफाइनल में जगह बनाई है। अंतिम चयन मार्च के आखिर में होगा। उसके बाद ही फाइनल लिस्ट जारी होगी। 

जैक केंट कुक फाउंडेशन उन होनहार बच्चों की मदद कर रहा है जो आर्थिक तौर पर कमजोर हैं। / JKCS

कैलिफोर्निया के कैलाबासास हाई स्कूल की आशना भाटिया और टेनेसी के ला ग्रेंज हाई स्कूल की यश्वी मोदी ने जैक केंट कुक फाउंडेशन कॉलेज स्कॉलरशिप के लिए सेमीफाइनल में जगह बनाई है। देशभर में 571 हाई स्कूल के छात्रों को इस कामयाबी के लिए चुना गया है। आशना और यश्वी ने पढ़ाई में बहुत अच्छा किया है और लीडरशिप के गुण भी दिखाए हैं। संस्था की तरफ से बताया गया है कि आर्थिक तौर पर कमजोर बच्चों को ये स्कॉलरशिप दी जाती है। 

फाउंडेशन का कहना है कि आजकल बच्चों की पढ़ाई का खर्चा बहुत बढ़ गया है। इससे ज्यादातर परिवारों को परेशानी हो रही है। जैक केंट कुक फाउंडेशन उन होनहार बच्चों की मदद कर रहा है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। कुक कॉलेज स्कॉलरशिप पाने वाले बच्चों को हर साल 55,000 डॉलर तक मिलते हैं। इसमें पढ़ाई का खर्चा, रहने का खर्चा और और भी कई चीजें शामिल हैं। ये स्कॉलरशिप मान्यता प्राप्त कॉलेजों में पढ़ाई करने वाले बच्चों को मिलती है। इससे बच्चों पर कर्ज का बोझ कम पड़ता है। कॉलेज से मिलने वाली आर्थिक मदद के बाद भी जो खर्चा बचता है, उसे ये स्कॉलरशिप पूरा करती है। 

फाउंडेशन की वाइस प्रेसिडेंट (स्कॉलरशिप प्रोग्राम्स) नताली रोड्रिगेज जानसॉन ने कहा, 'इस साल कुक फाउंडेशन की 25वीं वर्षगांठ है। हमें इस बात का बहुत गर्व है कि कुक स्कॉलर कम्युनिटी पिछले सालों में कितनी आगे बढ़ी है।' सेमीफाइनलिस्ट का चुनाव एक कड़े तरीके से किया गया है। इस बार कम से कम 3.75 का GPA (ग्रेड पॉइंट एवरेज) होना जरूरी था। अंतिम चयन मार्च के आखिर में होगा। उसके बाद ही कुक कॉलेज स्कॉलरशिप पाने वालों की लिस्ट जारी होगी। 

फाउंडेशन के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सेप्पी बासिली ने कहा, 'इन बच्चों ने अपनी पढ़ाई में बहुत मेहनत की है और हमें इनकी कामयाबी पर गर्व है।' ये सेमीफाइनलिस्ट 50 राज्यों, वाशिंगटन डी.सी., प्यूर्टो रिको, नॉर्दर्न मारियाना आइलैंड्स, गुआम और यू.एस. वर्जिन आइलैंड्स से हैं। ये बच्चे 4,200 से ज्यादा अलग-अलग हाई स्कूलों से हैं। 

 

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