प्रसिद्ध भारतीय अष्टांग योग गुरु शरथ जोइस का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। 53 वर्षीय शरथ अमेरिका टूर पर थे, तभी चार्लोट्सविले में वर्जीनिया विश्वविद्यालय के पास उन्हें हार्ट अटैक आया।
शरथ अष्टांग योग के संस्थापक के. पट्टाभि जोइस के पोते थे। शरथ ने इस विशिष्ट योग शैली को आगे बढ़ाया और इसे दुनिया भर में लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई।
विश्वविद्यालय के योग प्रोग्राम के प्रमुख जॉन बुल्टमैन ने द न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि शरथ जोइस विश्वविद्यालय के टूर थे। निधन से एक दिन पहले उन्होंने एक संगोष्ठी का नेतृत्व किया था और प्रशिक्षकों को अष्टांग योग का कम तीव्रता वाला वर्जन पढ़ाया था।
संगोष्ठी के बाद जोइस कैंपस से करीब 50 मिनट की ड्राइव पर ब्लू रिज पर्वत पर लोकप्रिय स्थल हंपबैक रॉक्स की हाइकिंग के लिए 20 स्टूडेंट्स के एक ग्रुप में शामिल हो गए। बुल्टमैन के अनुसार, जोइस थके हुए लग रहे थे। वह बाकी ग्रुप से पीछे रह गए।
बुल्टमैन ने बताया कि शरथ एक बेंच पर बैठे थे कि अचानक गिर गए। साथी छात्रों ने उन्हें तुरंत सीपीआर दिया, लेकिन मेडिक्स के आने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। बुल्टमैन ने दावा किया कि घटना से पहले जोइस की सेहत ठीक थी।
शरथ जोइस भारत के मैसूर में अपने दादा द्वारा स्थापित अष्टांग योग संस्थान के निदेशक भी रहे थे। उसके बाद उन्होंने अपने खुद के शरथ योग केंद्र की स्थापना की, जहां वह अटूट समर्पण के साथ पढ़ाते थे।
शरथ जोइस के निधन पर उनके समर्थकों और वैश्विक योग समुदाय की ओर से श्रद्धांजलि दी गई। 25 वर्षों से अष्टांग योग का अभ्यास कर रहे किनो मैकग्रेगर ने कहा कि शरथ का जाना पूरे योग समुदाय के लिए एक झटका है। हमने एक दोस्त, एक गाइड, एक शिक्षक, एक संरक्षक खो दिया है। बता दें कि शरत जोइस के परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं।
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