जॉर्जिया स्टेट सीनेट के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार अश्विन रामास्वामी ने एक करीबी मुकाबले के बाद शॉन स्टिल को बधाई दी। रामास्वामी के मजबूत अभियान के बावजूद स्टिल ने 52 प्रतिशत वोट के साथ जीत हासिल की। स्टिल को कुल 33,530 वोट मिले। रामास्वामी 30,655 वोट पाने में कामयाब रहे और महज 2,875 वोट से उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
रामास्वामी ने कहा, हमारे अभियान ने नजरअंदाज किए गए समुदायों को एक साथ लाया और पहले कभी न देखे गए तरीके से वोट बढ़ाया। 25 साल के डेमोक्रेट अश्विन रामास्वामी ने इस साल की शुरुआत में इतिहास रच दिया जब वह स्टेट सीनेट के लिए डेमोक्रेटिक प्राइमरी जीतने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी और जेन जेड उम्मीदवार बने। बता दें कि 1997 और 2012 के बीच पैदा हुए लोगों की पीढ़ी को 'जेन जी' बुलाया जाता है।
रामास्वामी के माता पिता 1990 में तमिलनाडु से अमेरिका आए थे। रामास्वामी का जन्म अमेरिका में ही हुआ है। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी स्टिल के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए CISA में इलेक्शन सिक्योरिटी की नौकरी छोड़ दी। उनके पास स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में बी.एस. और जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी लॉ सेंटर से जे.डी. की डिग्री है।
स्टैनफोर्ड के छात्र के रूप में, उन्होंने संघीय साइबर सुरक्षा और इन्फ्रास्ट्रक्चर सुरक्षा एजेंसी में इंटर्नशिप की और बाद में वहां पार्ट-टाइम कर्मचारी के रूप में काम किया। जॉर्जटाउन लॉ में रामास्वामी ने विस्कॉन्सिन में फर्जी ट्रम्प निर्वाचकों को लक्षित करते हुए एक सिविल मुकदमे पर काम किया।
उनके अभियान ने घोषणा की है कि रामास्वामी ने अब तक 412,000 डॉलर से ज्यादा जुटाए हैं। इसमें 297,000 डॉलर नकद रिजर्व में बचे हैं। हालांकि रामास्वामी चुनाव हार गए हैं। लेकिन उनके महत्वपूर्ण फंडरेजिंग प्रयासों ने उन्हें वित्तीय समर्थन और समुदाय समर्थन के मामले में स्टिल से कहीं आगे लाकर खड़ा कर दिया है।
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