एशियन अमेरिकन एंड पैसिफिक आइलैंडर्स (AAPI) विक्ट्री अलायंस के कार्यकारी निदेशक वरुण निकोरे ने कहा कि एशियन-अमेरिकी युवाओं के लिए नौकरी से जुड़े मुद्दे विदेश नीति से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। New India Abroad से बात करते हुए वाशिंगटन के व्यापारी निकोरे ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक हालिया सर्वेक्षण का हवाला दिया। इस सर्वेक्षण से पता चलता है कि आने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में 18-35 साल के महज 4% युवा मतदाताओं ने ही गाजा या विदेश नीति को सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा बताया।
निकोरे ने NIA को बताया कि मैं जानता हूं कि यह आज के युवाओं के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण मुद्दा है, लेकिन मुझे लगता है कि उनकी सूची में कुछ और मुद्दे हैं जो ज्यादा अहम हैं। जैसे नौकरियां, अर्थव्यवस्था, महंगाई। राष्ट्रपति पद के दोनों उम्मीदवार बाइडन और ट्रंप इस चुनाव के दौरान इन मुद्दों पर जोर देंगे।
निकोरे ने कहा कि अभी तक जो शोध हुआ है उसके आधार पर गाजा और विदेश नीति लोगों के दिमाग में नहीं हैं। बहुत लंबे समय से इस देश में विदेश नीति के आधार पर चुनाव नहीं हुआ है। निकोरे के अनुसार, एशियन-अमेरिकी युवा समुदाय के सामने सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है मतदान करने में हिचकिचाहट। उन्हें प्रभावित करने वाले कठिन मुद्दों जैसे इन्फ्लेशन के बारे में बात करने में झिझक।
उन्होंने कहा कि समय के साथ आप अपने मूल देश की पहचान खो देते हैं और अमेरिकी पहचान धारण कर लेते हैं। एशियन-अमेरिकी समुदाय के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है मतदान करने में उनकी हिचकिचाहट। मतदान प्रतिशत काफी कम है। इसलिए उन्हें मुद्दों, रोजमर्रा के मुद्दों के बारे में बात करनी चाहिए। मुद्रास्फीति के बारे में बात करनी चाहिए।
निकोरे ने कहा कि विदेश नीति से जुड़े मुद्दे 2008 में भी महत्वपूर्ण नहीं थे। उस वक्त पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा चुने गए थे। 2024 के चुनावों के लिए अपनी पसंद के बारे में बात करते हुए AAPI नेता ने निकोरे ट्रंप के बजाय राष्ट्रपति बाइडन को पसंद करते हैं।
निकोरे ने कहा कि वास्तव में अगर आप 'प्रोजेक्ट 2025' (अमेरिकी सरकार को नया रूप देने की रिपब्लिकन योजना) देखेंगे तो उसमें बड़े पैमाने पर निर्वासन की योजना है। इसमें मुस्लिमों पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है। लेकिन मेरा मानना है कि हमने ट्रंप से इस मुद्दे पर कुछ नहीं सुना, क्योंकि वह ईमानदारी से अपने मुकदमों में बहुत व्यस्त हैं।
निकोरे ने अपनी बात स्पष्ट करने के लिए कहा कि हालांकि हाउस और सीनेट में बहुमत बहुत कम है, फिर भी उन्होंने (बाइडेन) कानून पारित किए हैं और काम किया है। मैं जो देख रहा हूं उससे मैं न केवल संतुष्ट हूं, बल्कि मैं बहुत आशावादी हूं। जब बाइडन फिर से चुने जाएंगे, तो आप देखेंगे कि यह काम जारी रहेगा। शायद और भी कुछ होगा, जो निश्चित रूप से कांग्रेस में बहुमत के ढांचे पर निर्भर करेगा। मैं वास्तव में मानता हूं कि वह एक बेहद प्रभावी राष्ट्रपति रहे हैं।
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