एशियाई-अमेरिकी पिछले दो दशकों में और 2020 के बाद से संयुक्त राज्य अमेरिका में पात्र मतदाताओं का सबसे तेजी से बढ़ने वाला समूह रहे हैं। यह खुलासा 2024 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले जारी एक नए सर्वेक्षण में हुआ है। चुनावी नजरिये से यह एक अहम जानकारी है।
वाशिंगटन थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार पिछले चार वर्षों में एशियाई-अमेरिकी मतदाताओं की संख्या में 15 फीसदी या लगभग 20 लाख पात्र मतदाताओं की वृद्धि हुई है। यह उस अवधि के दौरान सभी पात्र मतदाताओं के लिए 3 फीसदी और हिस्पैनिक पात्र मतदाताओं के लिए 12 फीसदी की वृद्धि दर से तेज है।
एशियाई-अमेरिकी लोग आम तौर पर डेमोक्रेटिक झुकाव रखते हैं। विश्लेषण के अनुसार 2020 के वैध मतदाताओं में 72 फीसदी अंग्रेजी-भाषी, एकल-जाति, गैर-हिस्पैनिक एशियाई मतदाताओं ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेट जो बाइडन को वोट दिया जबकि 28 फीसदी ने कहा कि उन्होंने रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रम्प को वोट दिया।
प्यू रिसर्च सेंटर के अनुमानों के अनुसार 2024 के लिए इस नवंबर में अनुमानित 15.0 मिलियन एशियाई-अमेरिकी मतदान करने के पात्र होंगे। यह सभी पात्र मतदाताओं का केवल 6.1 प्रतिशत है।
हालांकि सर्वे के अनुसार एशियाई-अमेरिकी पात्र मतदाताओं की संख्या और अमेरिकी पात्र मतदाता आबादी में उनकी हिस्सेदारी 2020 और इस वर्ष के बीच काफी बढ़ गई है। 2000 और 2020 के बीच एकल-जाति, गैर-हिस्पैनिक एशियाई अमेरिकियों ने अमेरिकी मतदाताओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला नस्लीय या जातीय समूह बनाया।
कुल मिलाकर अमेरिका में सभी एशियाई-अमेरिकियों में से आधे से अधिक (58%) वोट देने के पात्र हैं। तुलनात्मक रूप से कुल अमेरिकी आबादी का 72% पात्र हैं। कुल मिलाकर अमेरिकियों की तुलना में एशियाई अमेरिकियों के वोट देने के योग्य होने की संभावना कम है क्योंकि एक महत्वपूर्ण हिस्सा अप्रवासी हैं जो अमेरिकी नागरिक नहीं हैं।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login