ऑस्ट्रेलिया जल्द ही विदेशी छात्रों की संख्या सीमित करने के लिए बड़े कदम उठाने जा रहा है। केंद्र सरकार के इन कदमों का मूल उद्देश्य ऑस्ट्रेलिया के इंटरनेशनल एजुकेशन सेक्टर की विश्वसनीयता बढ़ाना है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर द्वारा प्रस्तावित इन कानूनों के जरिए सरकार को प्रत्येक एजुकेशन प्रोवाइडर द्वारा नए अंतरराष्ट्रीय छात्रों के नामांकन की संख्या सीमित करने के कदम उठाने का अधिकार मिल जाएगा। ये प्रतिबंध खासतौर से वोकेशनल एजुकेशन सेक्टर पर लागू होंगे।
Media release: Next steps in ensuring the integrity and sustainability of the international education sector https://t.co/3gfSuQNbNU
— Jason Clare MP (@JasonClareMP) May 10, 2024
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन उपायों के तहत एजुकेशन प्रोवाइडर्स को एजुकेशन एजेंट बिजनेस में शामिल होने से रोका जाएगा। नए इंटरनेशनल एजुकेशन प्रोवाइडर्स के रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन फिलहाल रोक दिए जाएंगे। साथ ही मौजूदा प्रोवाइडर्स के नए कोर्स पेश करने पर भी 12 महीने तक की रोक रहेगी।
जो नए एजुकेशन प्रोवाइडर रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं, उन्हें पहले साबित करना होगा कि वे स्थानीय छात्रों को क्वालिटी एजुकेशन प्रदान कर रहे हैं। उसी के बाद उन्हें विदेशी छात्रों को भर्ती करने की इजाजत मिलेगी। लंबे समय से निष्क्रिय पड़े प्रोवाइडर्स का रजिस्ट्रेशन कैंसल किया जाएगा ताकि उनका नाजायज फायदा न उठाया जा सके।
इतना ही नहीं, जिन इंटरनेशनल एजुकेशन प्रोवाइडर्स के खिलाफ नियामक कानून तोड़ने के गंभीर मामलों में जांच चल रही है, वे नए विदेशी छात्रों की भर्ती नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा एजुकेशन एजेंटों से संबंधित डाटा शेयर करने के सिस्टम में भी सुधार लाया जाएगा।
मिनिस्टर क्लेयर ने कहा कि इन उपायों से हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारे अंतर्राष्ट्रीय एजुकेशन सेक्टर की गुणवत्ता और स्थिरता को प्राथमिकता मिले और वह वर्ल्ड लीडर बना रहे। इन सुधारों का उद्देश्य छात्रों की रक्षा करना और इस क्षेत्र की सेहत को लंबे समय तक बनाए रखना है।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login