ऑस्ट्रेलिया के होम अफेयर्स डिपार्टमेंट ने स्टूडेंट वीजा के लिए नया नियम बनाया है। 1 जनवरी, 2025 से ये नियम लागू हो गया है। अब वीजा के लिए अप्लाई करते वक्त, 'कन्फर्मेशन ऑफ एनरोलमेंट' (CoE) देना जरूरी होगा। ये बदलाव सिर्फ 1 जनवरी, 2025 के बाद आने वाले अप्लीकेशन पर ही लागू होगा। इससे पहले, अगर आपने 'लेटर ऑफ ऑफर' के साथ अप्लाई किया है, तो उस पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
सरकारी नोटिफिकेशन में साफ-साफ लिखा है कि अगर वीजा के लिए अप्लाई करते वक्त CoE नहीं दिया गया है, तो आपका अप्लीकेशन ही गलत माना जाएगा। अगर मूल वीजा आवेदन वैलिड नहीं है तो वीजा देने वाले उसे देख भी नहीं सकते। और इस वजह से आपको ब्रिजिंग वीजा भी नहीं मिलेगा।
इस नए नियम से वीजा प्रक्रिया आसान हो जाएगी और सभी छात्रों को अपनी पढ़ाई का सबूत देना होगा। ये नियम ऑस्ट्रेलिया में रह रहे और बाहर से अप्लाई करने वाले दोनों तरह के छात्रों पर लागू होगा। इससे छात्रों की तरफ से कॉलेज में पढ़ाई करने की जिम्मेदारी और मजबूत होती है और ऑस्ट्रेलिया के एजुकेशन सेक्टर को भी ज्यादा भरोसा मिलेगा।
भारत, ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों में सबसे ज्यादा संख्या वाला देश है। कैनबरा में मौजूद भारतीय उच्चायोग के मुताबिक, जनवरी से सितंबर 2023 के बीच 1,22,391 भारतीय छात्र ऑस्ट्रेलिया के अलग-अलग संस्थानों में पढ़ाई कर रहे थे।
ऑस्ट्रेलिया के होम अफेयर्स डिपार्टमेंट ने जोर देकर कहा है कि ये बदलाव सभी तरह के स्टूडेंट वीजा अप्लीकेशन के लिए एक जैसे नियम बना देगा। इसमें विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय या फिर दूसरे देशों से आने वाले एक्सचेंज स्टूडेंट्स भी शामिल हैं। इन पर CoE का नियम लागू नहीं होगा।
होम अफेयर्स डिपार्टमेंट की तरफ से साफ किया गया है कि जिन लोगों के पास ऑस्ट्रेलिया का वीजा है, उन्हें अपना वीजा सही रखना होगा। जिन छात्रों का वीजा खत्म होने वाला है और उनके पास CoE नहीं है, उन्हें या तो ऑस्ट्रेलिया छोड़ना होगा या फिर दूसरे वीजा ऑप्शन देखने होंगे।
साथ ही, कुछ खास वीजा रखने वालों के लिए ऑस्ट्रेलिया में रहते हुए स्टूडेंट वीजा के लिए अप्लाई करने पर रोक लगा दी गई है। 'वीजा हॉपिंग' यानी बार-बार वीजा बदलने को कम करने के लिए लाए गए इन बदलावों की पूरी जानकारी डिपार्टमेंट की आधिकारिक वेबसाइट पर मिल जाएगी।
ऑस्ट्रेलिया में कई तरह के स्टूडेंट वीजा मिलते हैं। इनमें स्टूडेंट वीजा (सबक्लास 500) भी है, जिससे छात्रों को कोर्स की अवधि के हिसाब से पांच साल तक वहां रहने की इजाजत मिल जाती है। इसके अलावा, स्टूडेंट गार्जियन वीजा (सबक्लास 590) भी है, जिससे 18 साल से कम उम्र के छात्रों के माता-पिता या अभिभावक कुछ समय के लिए वहां रह सकते हैं।
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