ऑस्ट्रेलिया सरकार का अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या को सीमित करने का दांव नाकाम हो सकता है। इमिग्रेशन में कटौती के तमाम तर्कों और अपीलों को दरकिनार करते हुए विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रस्तावित कानूनों के खिलाफ मतदान करने का फैसला किया है।
इस प्रस्तावित कानून पर संसद की इस साल के आखिरी सत्र के दौरान अगले दो हफ्तों में बहस होने की संभावना है। इस प्रस्तावित कानून में अगले साल 2025 में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या को 2.7 लाख तक सीमित करने का प्रस्ताव है। इसे आगामी मई में होने वाले संघीय चुनाव से पहले इमिग्रेशन में वृद्धि और अभूतपूर्व हाउसिंग संकट के समाधान की सरकारी कवायद का हिस्सा बताया जा रहा है।
सेंटर-राइट लिबरल-नेशनल गठबंधन की एजुकेशन प्रवक्ता सारा हेंडरसन ने सरकार की इस योजना की आलोचना की और इसे 'अराजक और भ्रमित' करार दिया। उनका कहना है कि यह सरकार द्वारा की गई बुनियादी गलतियों का समाधान करने में सफल नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि हम ऐसे कदमों का समर्थन नहीं कर सकते जो सरकार के लिए मुसीबतें और बढ़ाने का काम करे। अब तक का सरकार का रिकॉर्ड देखें तो हमें बिल्कुल भरोसा नहीं है कि ये आव्रजन में गड़बड़ियों को ठीक कर पाएंगे।
ग्रीन्स पार्टी ने भी इस प्रस्तावित कानून का विरोध करने की घोषणा की है। उधर सरकार ने तर्क दिया है कि प्रस्तावित कानून उच्च शिक्षा और व्यावसायिक कोर्सों में नए अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या को कोरोना महामारी से पहले के स्तर पर ले आएगा।
शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर ने विपक्ष के रुख पर संसद में कहा कि आप दोतरफा बात नहीं कर सकते। एक तरफ आप आव्रजन पर सख्ती की बात कर रहे हैं, दूसरी तरफ हर साल इस देश में आने वाले लोगों की संख्या को सीमित करने वाले नियम के खिलाफ वोट देने का फैसला कर रहे हैं। ये ठीक नहीं है।
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