ऑस्ट्रेलिया विदेशी छात्रों के लिए सख्त वीजा नियमों को लागू करेगा। आधिकारिक आंकड़ों के हवाले से बताया गया है कि विदेशी छात्रों की संख्या रेकॉर्ड हाई पर पहुंच गया है, जो पहले से ही तंग किराये के मार्केट को और बढ़ा सकता है। बदलाव के तहत शनिवार से छात्र और ग्रेजुएट वीजा के लिए अंग्रेजी भाषा की आवश्यकताओं लेकर और सख्ती की जाएगी। इसके अलावा शिक्षा देने वाली संस्थाओं को अंतरराष्ट्रीय छात्रों की भर्ती से निलंबित करने की शक्ति सरकार को मिल जाएगी, यदि वे बार-बार नियम तोड़ते हैं।
गृह मंत्री क्लेयर ओ'नील ने एक बयान में कहा कि इस तरह की कार्रवाइयों से विदेशी छात्रों की संख्या को नीचे के लेवल पर लाने में मदद मिलेगी। मुख्य रूप से काम करने के लिए ऑस्ट्रेलिया आने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर नकेल कसने के लिए एक नया 'genuine student test' लिया जाएगा। विजिटर वीजा के लिए 'नो मोर स्टे' की शर्तों का पालन किया जाएगा।
यह कदम पिछले साल पूर्व सरकार की ओर से शुरू की गई कोविड ईरा रियायतों को बंद करने के लिए है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए बिना प्रतिबंध के काम के घंटे भी शामिल हैं। उस समय सरकार ने कहा था कि नियम कड़े किए जाएंगे जिससे प्रवासी छात्र दो साल के अपने समय को आधा कर सकते हैं।
ऑस्ट्रेलिया ने COVID-19 महामारी के दौरान सख्ती बरती। विदेशी छात्रों और श्रमिकों को लगभग दो वर्षों तक बाहर रखा। इसके बाद 2022 में अपनी सालाना प्रवासन संख्या को बढ़ाया। नियमों में ढील के बाद विदेशी श्रमिकों और छात्रों की अचानक तादाद बढ़ गई। इसने पहले से ही तंग किराये के बाजार पर दबाव बढ़ा दिया है।
ऑस्ट्रेलियाई सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा गुरुवार को जारी डेटा से पता चला है कि विदेशियों के ऑस्ट्रेलिया में आने की गति में 60% की बढ़ोतरी हुई है। 30 सितंबर तक यह तादाद 548,800 हो गई। जो पिछले साल जून में 518,000 थी। कुल मिलाकर प्रवासियों के आने से ऑस्ट्रेलिया की आबादी 2.5% बढ़ गई।
बताया गया है कि भारत, चीन और फिलीपींस के छात्रों के आने से लेबर सप्लाई को विस्तार मिला है। लेकिन इसने पहले से ही तंग आवास बाजार को बढ़ा दिया है। ओ'नील ने कहा कि सितंबर के बाद से सरकार के कार्यों से प्रवासन के स्तर में गिरावट आई है। हाल ही में अंतरराष्ट्रीय छात्र वीजा अनुदान पिछले वर्ष की तुलना में 35% कम हो गया है।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login