ADVERTISEMENTs

HAF ने कहा, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से निकलता है कई विवादों का समाधान

हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (HAF) के कार्यकारी निदेशक सुहाग शुक्ला ने कहा कि श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा का दुनिया भर में जिस तरह से स्वागत किया गया, उत्सव मनाया गया, वे विस्मयकारी रहे हैं। श्रीराम और रामायण वैश्विक हिंदू डायस्पोरा की पीढ़ियों के लिए नैतिक मार्गदर्शन, सांत्वना और दृढ़ता के स्रोत रहे हैं।

22 जनवरी 2024 को अयोध्या, भारत में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में भगवान राम के बाल स्वरुप (रामलला) के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा हुई। / @ShriRamTeerth

22 जनवरी 2024 को अयोध्या, भारत में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में भगवान राम के बाल स्वरुप (रामलला) के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हो गई है। इस पर अपनी खुशी और उल्लास का इजहार करते हुए हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (HAF) के कार्यकारी निदेशक सुहाग शुक्ला ने इसे ऐतिहासिक और विस्मयकारी करार दिया है।

उन्होंने अपने संदेश में कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन समारोह न सिर्फ हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण उपासना स्थल की वापसी का प्रतीक है, बल्कि यह एक उदाहरण है कि कैसे कानून, विज्ञान और भारत के बहुलवादी लोकाचार ने मिलकर भारत के पवित्र स्थानों को लेकर चल रहे कई विवादों में से एक का निष्पक्ष और न्यायसंगत समाधान किया है।

उन्होंने कहा कि इस विशेष मौके का दुनिया भर में जिस तरह से स्वागत किया गया, उत्सव मनाया गया, वे विस्मयकारी रहे हैं। श्रीराम और रामायण वैश्विक हिंदू डायस्पोरा की पीढ़ियों के लिए नैतिक मार्गदर्शन, सांत्वना और दृढ़ता के स्रोत रहे हैं।

सुहाग शुक्ला ने कहा कि राम जन्मभूमि का मामला पवित्र स्थान के सुधार और पुर्नस्थापना की एक छोटी, लेकिन बढ़ती सूची के बीच एक उदाहरण के रूप में काम कर सकता है। यह स्थल भगवान राम का पारंपरिक जन्मस्थान है और इस प्रकार यह सम्मान के योग्य है। पुरातात्विक और दस्तावेजी साक्ष्य बताते हैं कि इस स्थल को प्राचीन काल से हिंदुओं के लिए आध्यात्मिक महत्व के स्थान के रूप में मान्यता दी गई है।

एचएएफ का मानना है कि रचनात्मक बातचीत के साथ संयुक्त कानूनी प्रक्रिया हिंदू और अन्य भारतीय पवित्र स्थलों के ऐतिहासिक विनाश से जुड़े विवादों को हल करने का सबसे अच्छा मार्ग प्रदान करती है। एचएएफ के मुताबिक राम जन्मभूमि विवाद का समाधान ने इसके लिए राह दिखाई है।

एचएएफ के मुताबिक कुछ सौ साल पहले नष्ट हुए हिंदू मंदिरों को फिर से स्थापित करने के लिए न्याय की मांग करना समकालीन समय में हिंदुओं के लिए महान प्रतीकात्मक और भावनात्मक प्रतिध्वनि है। इस विनाश ने जो आघात पहुंचाया, वह पीढ़ियों से चला आ रहा है और हिंदुओं के मानस को प्रभावित कर रहा है।

भारत में मुस्लिम शासकों और आक्रमणकारियों द्वारा हजारों हिंदू मंदिरों का विध्वंस, जिसमें वाराणसी और मथुरा में प्रमुख हिंदू पूजा स्थल शामिल हैं। विनाश की मात्रा को नकारना या कम करना, भारत में हिंदू-मुस्लिम तनाव में योगदान देता है। 2003 में स्थापित हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ) सबसे बड़ा संगठन है जो हिंदू अमेरिकियों के लिए प्रतिष्ठित आवाज है।

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video

 

Related