बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ भारतीय-अमेरिकी सांसद श्री थानेदार की अगुआई में यूएस कैपिटल से आवाज बुलंद की गई। इस दौरान बांग्लादेशी हिंदुओं ने अपनी व्यथा सुनाई और अमेरिकी सरकार से कार्रवाई का आह्वान किया।
वाशिंगटन डीसी में रहने वाली बांग्लादेशी हिंदू प्रिया ने न्यू इंडिया अब्रॉड के सामने अपने मूल देश के हालात बयां किए। उन्होंने कहा कि मैं अपना घर और 300 एकड़ जमीन इस्लामी कट्टरपंथियों के हाथों गंवा चुकी हूं। उन लोगों को सरकार का समर्थन हासिल है। बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी 1970 के दशक में 18.5 प्रतिशत थी, जो आज घटकर 8 प्रतिशत से भी कम रह गई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि मंदिरों, गांवों और लोगों पर हो रहे हमलों को सरकार का समर्थन प्राप्त है। 5 से 20 अगस्त के बीच ही 69 मंदिरों में तोड़फोड़ हुई, आठ लड़कियों से बलात्कार किया गया और दो हजार से ज्यादा जगहों पर हमले किए गए।
प्रिया ने दावा किया कि सरकार आतंकवादियों को रिहा कर रही है जो अल्पसंख्यकों के लिए खतरा बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में मौजूद 1.8 करोड़ हिंदुओं को बचाने के लिए अमेरिकी सरकार को तुरंत कदम उठाने की जरूरत है।
न्यूयॉर्क के हेल्थ वर्कर अश्विनी बेदी ने कहा कि मैं क्वींस के एल्महर्स्ट अस्पताल में काम करता हूं और बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के बारे में रोज सुनता हूं। उनकी कहानियां दिल तोड़ने वाली हैं। हम यहां उन पर अत्याचार रुकवाने के लिए अमेरिकी सरकार और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से आह्वान करने आए हैं।
इंडो-अमेरिकन कम्युनिटी वॉयस की संस्थापक अध्यक्ष बीना सबापति ने कहा कि ये 21वीं सदी है। इस दौर में किसी को भी डर के साये में नहीं जीना चाहिए। लेकिन बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र और निर्वाचित पदाधिकारियों को वहां मानवीय स्थिति बहाल करने को प्राथमिकता देनी चाहिए।
होलोकॉस्ट उत्तरजीवी सामी स्टीगमैन ने अतीत की भयावहता का जिक्र करते हुए कहा कि नफरत छोटी सी घटना से शुरू होती है और फिर सारी सीमाएं लांघ देती है। बांग्लादेश में जो हो रहा है, वह एक त्रासदी है। अमेरिका को इस तनाव को और बढ़ने से रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
कम्युनिटी लीडर डॉ. सुस्मिता जस्ती ने शिक्षा की परिवर्तनकारी ताकत का उल्लेख करते हुए शांति और जवाबदेही का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अगर हम शांति शिक्षा में निवेश करते हैं तो दुनिया एक बेहतर जगह बन सकती है। उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस से बांग्लादेश में हिंसा की जांच करने और उस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।
आर्ट्स4ऑल फाउंडेशन की संस्थापक डॉ. सुमिता सेनगुप्ता ने एकता की अहमियत बताते हुए कहा कि दुनियाभर में हिंदू अपनी पहचान को महत्व देने के लिए एकजुट हो रहे हैं। ये एक अच्छा संकेत है।
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