बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था ने न्यूयॉर्क के फ्लशिंग में एक भव्य उत्सव के साथ आध्यात्मिक उत्थान, सामुदायिक सेवा और सांस्कृतिक संरक्षण के 50 साल पूरे होने का जश्न मनाया। कार्यक्रम में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया और उत्तरी अमेरिका में समुदाय के विकास को रेखांकित किया।
कार्यक्रम में तमाम गणमान्य नागरिकों और सामुदायिक नेताओं ने भाग लिया जिनमें न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूत बिनय श्रीकांत प्रधान, उप महावाणिज्य दूत डॉ वरुण जेफ, कांग्रेस के सदस्य टॉम सुओजी, न्यूयॉर्क विधानसभा के सदस्य एडवर्ड ब्रौनस्टीन व रॉन किम, राज्य सीनेटर जॉन लियू और क्वींस बरो के प्रेसिडेंट डोनोवन रिचर्ड्स जूनियर प्रमुख रहे। इनके अलावा ब्रह्माकुमारी से सिस्टर बीके टीना, शिव आचार्य तथा ब्रूकलिन स्थित इस्कॉन मंदिर के जगन्नाथ राव भी उपस्थित रहे।
न्यूयॉर्क की स्टेट सीनेट और असेंबली बीएपीएस के उत्तरी अमेरिकी में पहले मंदिर की स्थापना के 50वें वार्षिकोत्सव पर प्रस्ताव पारित कर चुके हैं। इन प्रस्तावों को सीनेटर जॉन लियू और असेंबली मेंबर निली रोज़िक ने स्पॉन्सर किया था।
सीनेटर लियू ने कहा कि बीएपीएस मंदिर हिंदू समुदाय के लिए एक प्रमुख स्थल और लोगों की आध्यात्मिक, सामाजिक एवं सामुदायिक सेवा करता है। रोजिक ने कहा कि 50 वर्षों से बीएपीएस मंदिर सांस्कृतिक विरासत और सामुदायिक सेवा का केंद्र रहा है। समुदाय के लोगों में इसका गहरा और दूरगामी योगदान रहा है।
दो हफ्ते तक चले समारोहों में अमेरिका में बीएपीएस के विकास का जश्न मनाया गया। 1974 में प्रमुख स्वामी महाराज ने उत्तरी अमेरिकी मंदिर में पहले मंदिर की स्थापना की थी। अब संस्था के 115 से अधिक मंदिर हैं जिसमें न्यूजर्सी के रॉबिंसविले में पश्चिमी गोलार्ध का सबसे बड़ा बीएपीएस स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर भी है।
भारत से परम पूज्य महंत स्वामी महाराज ने करुणा, अखंडता और भक्ति संदेश के रूप में अपना आशीर्वाद भेजा। 1974 में बीएपीएस के प्रमुख स्वयंसेवक रहे ह्यूस्टन के किशोर मेहता ने इस दौरान कहा कि जब हमने 1974 में तहखाने में एक मंदिर के साथ शुरुआत की थी तो हमने सोचा भी नहीं था कि बीएपीएस दुनिया भर में 115 से अधिक मंदिरों तक अपना विस्तार करेगा।
रॉबिंसविले की स्मृति ब्रह्मभट्ट ने कहा कि ये समारोह हमें याद दिलाता है कि 50 साल पहले लगाया गया बीज अब एक सुंदर पेड़ बन चुका है जिसने समाज को रॉबिन्सविले के अक्षरधाम जैसा एक सुंदर उपहार दिया है।
अहमदाबाद में महोत्सव
बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था ने 'बीज, वृक्ष, फल' की थीम के साथ कार्यकार सुवर्ण महोत्सव के माध्यम से स्वयंसेवा के 50 साल पूरे होने का भी जश्न मनाया। 7 दिसंबर को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में आयोजित इस कार्यक्रम में पिछले पांच दशकों से निस्वार्थ सेवा करने वाले एक लाख स्वयंसेवकों को भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि चाहे गुजरात भूकंप हो, उत्तराखंड में भूस्खलन हो या कोविड राहत के प्रयास, बीएपीएस के समर्पित स्वयंसेवक मानवता की भलाई के लिए हमेशा सक्रिय रहते हैं। यूक्रेन में फंसे भारतीयों को बचाने के लिए भी पूरे यूरोप से बीएपीएस के स्वयंसेवक मदद के लिए आगे आए। मैं इसकी बहुत सराहना करता हूं। बीएपीएस के स्वयंसेवक दुनिया में भारत का प्रभाव बढ़ा रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि प्रमुख स्वामी महाराज ने कई बार मुझे विभिन्न स्थितियों में कहा था कि भगवान सब ठीक कर देगा। वह ताकत हमेशा मेरे साथ रही है। भारत और विदेशों में 1,200 से अधिक मंदिरों का निर्माण करके प्रमुख स्वामी महाराज ने भारतीय संस्कृति को हमेशा के लिए अमर बना दिया है।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि बीएपीएस संगठन भगवान स्वामीनारायण के कार्यों को फैलाने और दुनिया भर में सनातन हिंदू धर्म के शाश्वत मूल्यों को बढ़ावा देने का उल्लेखनीय कार्य कर रहा है।
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