अमेरिका के ह्यूस्टन, टेक्सास में BAPS स्वामीनारायण मंदिर ने 19-20 अक्टूबर को दीपावली उत्सव का जश्न मनाया। रोशनी के इस त्योहार ने आगंतुकों को इसके समृद्ध परंपराओं का अनुभव करने का मौका दिया। 19 अक्टूबर को मंदिर ने भक्तों, शुभचिंतकों और आगंतुकों का स्वागत किया। इसके लिए स्वयंसेवकों ने हफ्तों तक जश्न की तैयारी की। इसमें पारंपरिक रस्मों को समकालीन समुदाय की अभिव्यक्तियों के साथ मिलाया गया।
कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रदर्शन शामिल था, जिसके बाद आतिशबाजी का प्रदर्शन किया गया। इसने रात के आकाश को रोशन कर दिया। प्रसिद्ध विद्वान भद्रेशदास स्वामी ने दीपावली के महत्व और मंदिरों द्वारा सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में भूमिका के बारे में बात की।
20 अक्टूबर को बच्चों के लिए खेलों, गतिविधियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ बच्चों के लिए दीपावली का यह जश्न जारी रहा। मंदिर की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कार्यक्रम दीपावली के अर्थ को समझने के लिए तैयार किए गए थे। साथ ही एक मजेदार और आकर्षक महौल भी बनाया गया।
इस साल का दीपावली जश्न खास तौर पर महत्वपूर्ण था। इसकी वजह यह है कि यह BAPS के नाॅर्थ अमेरिका में 50 साल पूरे होने के एक सालाना स्मरणोत्सव के साथ मिलकर आया था। यह मील का पत्थर सेवा, सांस्कृतिक संरक्षण और विकास के पांच दशकों का सम्मान करता है। सेवा, विश्वास, मूल्यों और प्रेरणा के अपने स्तंभों के माध्यम से BAPS ने हिंदू परंपराओं को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। साथ ही अपने योगदान से उत्तरी अमेरिका और दुनिया भर में समुदायों पर सकारात्मक असर डाला है।
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