भारत की अयोध्या नगरी में श्री राम मंदिर के ऐतिहासिक उद्घाटन के सम्मान में शनिवार, 20 जनवरी को पूरे उत्तरी अमेरिका में 100 से अधिक बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिरों में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में पांच शताब्दियों से अधिक की अयोध्या की असाधारण यात्रा के समापन को रेखांकित किया। कहा गया कि अयोध्या की विजय अनेक स्वामियों, महंतों, आचार्यों और समर्पित व्यक्तियों के बलिदान और अटूट विश्वास का प्रमाण है।
परम पावन महंत स्वामीजी महाराज के प्रेरक मार्गदर्शन में BAPS ने विश्व स्तर पर 1,500 मंदिरों और 21,000 सत्संग सभाओं में भक्ति कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित की। हर कार्यक्रम के माध्यम से लोगों में उत्साह का संचार हुआ क्योंकि मंदिरों को खूबसूरती से भक्ति के समागम में बदल दिय गया था। मंदिरो को चमचमाती रोशनी, चमकते दीयों और महीन रंगोलियों से सजाया गया था।
इस सजावट में श्री राम और नए मंदिर को दर्शाया गया। इससे माहौल मनोरम और आध्यात्मिक बना। सजावट के अलावा खानपान से जुड़ी गतिविधियों में भी मंदिर की छवि स्पष्ट दिखलाई पड़ रही थी। जैसे कि कुकीज और मंदिर के आकार के केक सहित स्वादिष्ट व्यंजनों में से प्रत्येक पर कलात्मक रूप से 'श्री राम' अंकित था। इस क्रियाशीलता ने उत्सव में एक विशेष स्पर्श जोड़ा। यही लोगों को मुग्ध कर देने वाला था।
पालकी में आये श्री राम का हृदय के साथ सभा में भव्य स्वागत किया गया। भक्त पुष्प वर्षा कर रहे थे और माहौल में मंत्रोच्चार उत्साहित कर रहा था। कार्यक्रम के दौरान गणमान्य अतिथियों और ख्यातिलब्ध स्वामियों ने प्रवचन दिये जिनमें श्री राम के जीवन आदर्शों की प्रेरणा थी।
रोबिंसबिले न्यू जर्सी में हुए इस विशेष कार्यक्रम के दौरान पूज्य योगानंददास स्नावी ने कहा कि रामायण हमें कई पाठ पढ़ाती है। उनमें से एक उन वचनों को लेकर है जो हम बोलते हैं। हमे सदा सत्य बोलना चाहिए। ऐसा बोलना चाहिए जिसमें करुणा हो और जो दूसरों के कल्याण के लिए हो।
रॉबिंसविले, एनजे में इस शुभ कार्यक्रम में स्वामी देबोप्रियानंदजी (उत्तरी अमेरिका के भारत सेवाश्रम संघ), कौंसल एके विजयकृष्णन (भारत के महावाणिज्य दूतावास, न्यूयॉर्क), अमित चोपड़ा (टाइन काउंसिल, रॉबिंसविले), जय गुलाटी (रॉबिंसविले के स्कूल बोर्ड सदस्य), सुखदेव भल्ला (दुर्गा मंदिर), विजयजी मुच्छल (गीता परिवार यूएसए), रवि पुलिपति (ओम श्री साईं बालाजी मंदिर), आरती सूर्यनारायणन (श्री महापेरियावा मणिमंडपम), कृष्णलिंगा (श्री राम चंद्र मिशन/हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट), डॉ. अरुण कर्पूर (श्री कृष्ण निधि फाउंडेशन) और विश्व हिंदू परिषद ऑफ अमेरिका के संजय गुप्ता शामिल हुए।
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