भारतीय मूल के डॉ. समीर शाह बीबीसी के नए चेयरमैन होंगे। उन्होंने चयन के जांच संबंधी चरणों को पूरा कर लिया है। अब किंग चार्ल्स तृतीय की मुहर का इंतजार है, जो अगले कुछ दिनों में मिल जाएगी।
समीर शाह यूके ब्रॉडकास्टिंग में 40 से अधिक वर्षों से काम कर रहे हैं। पिछले साल दिसंबर में सरकार ने उन्हें बीबीसी के अगले चेयरमैन के संभावित उम्मीदवार के तौर पर चुना था। इसके बाद उनकी स्क्रूटिनी के दौरान कई दौर के इंटरव्यू हुए। हाउस ऑफ कॉमंस में मीडिया संबधी स्थायी समिति के सांसदों ने उनसे सवाल जवाब किए।
72 वर्षीय समीर शाह की बीबीसी चेयरमैन के रूप में नियुक्ति की अब पुष्टि कर दी गई है। वह चार साल के लिए बीबीसी के चेयरमैन होंगे। उनका कार्यकाल 4 मार्च को शुरू होगा और वह मार्च 2028 तक कार्यरत रहेंगे। उनकी नियुक्ति एक लाख 60 हजार पाउंड प्रतिवर्ष की सैलरी पर की गई है। समीर शाह बीबीसी में रिचर्ड शार्प क की जगह लेंगे, जिन्हें पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ अपने रिश्तों को लेकर सवालों के घेरे में आने के बाद इस्तीफा देना पड़ा था।
यूके की संस्कति मंत्री लूसी फ्रेजर ने समीर शाह की नियुक्ति की घोषणा करते हुए कहा कि उन्हें टीवी प्रोडक्शन और जर्नलिजम में 40 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उनके पास अच्छा अनुभव है जो बीबीसी चेयरमैन की जिम्मेदारी संभालने में काम आएगा। आजकल के बदलते दौर में बीबीसी को कामयाबी की मंजिल तक ले जाने के लिए उनके पास विजन है। मुझे इसमें कोई शक नहीं है कि वह भविष्य की चुनौतियों और संभावनाओं के मद्देनजर बीबीसी को पर्याप्त सहयोग प्रदान करेंगे।
भारत के औरंगाबाद में जन्मे समीर शाह 1960 के दशक में इंग्लैंड आ गए थे। वह बीबीसी में करंट अफेयर्स और पॉलिटिकल प्रोग्राम के प्रभारी भी रह चुके हैं। वह जूनिपर के सीईओ भी रहे हैं, जो एक स्वतंत्र टीवी एवं रेडियो प्रोडक्शन कंपनी है। उन्हें 2002 में रॉयल टेलीविजन सोसायटी का फेलो भी चुना जा चुका है। वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में 2019 से क्रिएटिव मीडिया के विजिटिंग प्रोफसर भी हैं। नॉटिंघम यूनिवर्सिटी ने भी उन्हें स्पेशल प्रोफसर नियुक्ति किया है।
समीर शाह को 2019 में क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय ने कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ ब्रिटिश एंपायर (सीबीई) अवॉर्ड से भी सम्मानित किया था। उन्होंने 2021 में ब्रिटिश सरकार के नस्लीय एवं जातीय असमानताओं पर बने आयोग की रिपोर्ट भी तैयार की थी।
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