अमेरिका ने भारत में अपनी डिप्लोमैटिक मौजूदगी बढ़ाते हुए कर्नाटक के बेंगलुरु में एक नया दूतावास खोलने का ऐलान किया है। भारत में बनने वाले पांचवें अमेरिकी दूतावास की जगह का उद्घाटन 17 जनवरी को एक औपचारिक समारोह के दौरान हुआ। इसमें अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी, भारत के विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर और कर्नाटक के डिप्टी चीफ मिनिस्टर डी.के. शिवकुमार शामिल हुए।
बेंगलुरु दूतावास का मकसद अमेरिका और भारत के रिश्ते और मजबूत करना है। ये आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर राजनयिक साझेदारी बढ़ाएगा। पब्लिक डिप्लोमेसी के साथ कर्नाटक में कमर्शियल सर्विसेज को बेहतर बनाएगा। कर्नाटक में लगभग 700 अमेरिकी कंपनियां और हजारों अमेरिकी नागरिक रहते हैं। राजदूत गार्सेटी ने कहा, 'हमारा रिश्ता वाकई में जमीन से लेकर आसमान तक फैला हुआ है। बेंगलुरु में ये और भी ज्यादा दिखता है। यहां सेमीकंडक्टर्स से लेकर स्पेस तक इनोवेशन और एंट्रप्रेन्योरशिप मेरे होम स्टेट कैलिफोर्निया की सिलिकॉन वैली जैसी ही है।'
भारत की सिलिकॉन वैली कही जाने वाली बेंगलुरु टेक्नोलॉजी, डिफेंस और कारोबार में अमेरिका-भारत के सहयोग का केंद्र रहा है। चल रहे स्पेस प्रोजेक्ट्स, जैसे कि जल्द ही लॉन्च होने वाला NASA-ISRO सिंथेटिक एपर्चर रडार सैटेलाइट और NASA ट्रेन्ड इंडियन ऐस्ट्रोनॉट्स का मिशन, इस बात को और मजबूत करते हैं कि बेंगलुरु इस सहयोग में कितना अहम है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने बढ़ती साझेदारी को लेकर आशावाद व्यक्त करते हुए कहा, 'आज, हम भारत-अमेरिका के रिश्तों की पूरी क्षमता को हकीकत में बदलने के करीब हैं। इनोवेशन और ग्रोथ का केंद्र बेंगलुरु इस भविष्य को गढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।'
डिप्टी चीफ मिनिस्टर शिवकुमार ने कहा, 'ये सिर्फ एक डिप्लोमैटिक मिशन की स्थापना से ज्यादा है। ये अमेरिका और कर्नाटक के बीच मजबूत रिश्तों का प्रमाण है। कर्नाटक हमेशा से ही भारत के विकास और इनोवेशन में आगे रहा है।'
इस दूतावास की स्थापना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जून 2023 में वाशिंगटन डी.सी. की स्टेट विजिट के दौरान राष्ट्रपति बाइडेन द्वारा की गई प्रतिबद्धता को पूरा करती है। अमेरिका ने 1993 में बेंगलुरु में पहली बार एक कमर्शियल सर्विस पोस्ट के जरिए अपनी मौजूदगी दर्ज कराई थी। नया दूतावास शहर की महत्वपूर्ण भूमिका को मजबूत करता है, जो बढ़ते अमेरिका-भारत सहयोग में एक रणनीतिक कड़ी है।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login