राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पिछले 150 से अधिक वर्षों से अपमानजनक नेटिव अमेरिकन बोर्डिंग स्कूल चलाने में सरकार की भूमिका के लिए औपचारिक रूप से माफी मांगी। इनमें कई भारतीय अमेरिकी बोर्डिंग स्कूल भी हैं।
अमेरिका में गरमाए चुनावी माहौल के बीच बाइडेन राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार इंडियन कंट्री की यात्रा पर पहुंचे। इसे व्हाइट हाउस में अपने खत्म होते कार्यकाल के दौरान अपनी विरासत को मजबूत करने के प्रयासों का हिस्सा माना जा रहा है।
फीनिक्स के पास एरिजोना के लावीन विलेज में एक आउटडोर फुटबॉल एंड ट्रैक फील्ड पर माफी मांगते हुए बाइडन ने कहा कि यह मेरे अब तक के करियर की सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है। उन्होंने बोर्डिंग स्कूलों का जिक्र करते हुए कहा कि यह हमारी आत्मा पर एक बोझ हैं। ...मैं औपचारिक रूप से इसके लिए माफी मांगता हूं।
पूरे अमेरिका में इन बोर्डिंग स्कूलों की वजह से नेटिव अमेरिकन समुदाय को पीढ़ीगत दुर्व्यवहार के लिए बाइडेन द्वारा माफी मांगने पर उपस्थित लोगों ने खुशी जताई। हालांकि गाजा में इजरायली कार्रवाई को समर्थन पर बाइडेन को उलाहना भी दिया गया।
बाइडेन जब बोल रहे थे, उसी समय एक फिलिस्तीनी समर्थक प्रदर्शनकारी चिल्लाया कि आप फिलिस्तीन में नरसंहार के लिए माफी कैसे मांगेंगे? राष्ट्रपति ने जवाब दिया कि वहां बहुत से निर्दोष लोग मारे जा रहे थे, और इसे रोकना ही था।
बता दें कि 1819 से 1970 के दशक तक अमेरिका ने पूरे देश में सैकड़ों अमेरिकी भारतीय बोर्डिंग स्कूलों की स्थापना करने और उन्हें सपोर्ट करने की नीतियां लागू की थीं। इनका उद्देश्य नेटिव अमेरिकंस को उनके परिवारों, समुदायों, धर्मों और सांस्कृतिक मान्यताओं से जबरन हटाकर अमेरिकी समाज में सांस्कृतिक रूप से आत्मसात करवाना था।
ऐसा करने के लिए अक्सर जोर जबर्दस्ती की जाती थी। अमेरिका के गृह मंत्री देब हैलैंड जो कि कैबिनेट मंत्री बनने वाले पहले नेटिव अमेरिकी हैं, उन्होंने फेडरल नेटिव अमेरिकन बोर्डिंग स्कूलों की परेशान करने वाली नीतियों पर एक जांच बिठाई थी।
जुलाई में जारी इसकी रिपोर्ट में पाया गया था कि इन स्कूलों में कम से कम 973 बच्चों की मौत हो चुकी है। हैलैंड के परिवार के कई सदस्य भी इन बोर्डिंग स्कूलों में मजबूर किए गए बच्चों में शामिल थे। अमेरिका की तरह ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा ने भी हाल के वर्षों में ऐसे स्कूलों में बच्चों और स्वदेशी समुदायों से दुर्व्यवहार की समीक्षा करवाई है।
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