बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही खूनी हिंसा को लेकर वहां की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बड़ा बयान दिया है। हसीना ने मोहम्मद यूनुस सरकार को सामूहिक हत्याओं और अल्पसंख्यकों की प्रताड़ना का मास्टरमाइंड बताया है।
न्यूयॉर्क में अवामी लीग के एक कार्यक्रम को संबोधित (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से) करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि मोहम्मद यूनुस ने छात्र समन्वयकों के साथ मिलकर साजिश के तहत सामूहिक हत्याएं कराई हैं, वही इस नरसंहार के मास्टरमाइंड हैं।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर, मोहम्मद यूनुस के इशारे पर गंभीर हमले किए जा रहे हैं। शिक्षकों और पुलिस की हत्या की जा रही है। हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्धों पर हमले हो रहे हैं। चर्चों और मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है।
अमेरिका में हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन, ब्रिटेन की संसद में उठी आवाज
अमेरिका में प्रवासी समुदाय सड़कों पर उतरकर हिंसा पर रोक लगाने और हिंदुओं की रक्षा करने की गुहार लगा रहा है तो ब्रिटेन की संसद में भी यह मुद्दा उठाया गया है।
इसी क्रम में प्रवासी समुदाय ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा के खिलाफ व्हाइट हाउस के सामने प्रदर्शन किया। हिंसा और अत्याचार के खिलाफ हुए इस प्रदर्शन में महिलाओं के साथ ही बच्चे भी शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथ में बांग्लादेश में हिंदुओं को बचाने, शोशण पर विराम लगाने और हिंसा से मुक्ति की मांग करने वाले पोस्टर-बैनर लिए हुए थे। साथ में 'मुक्ति चाही... मुक्ति चाही' के नारे भी लग रहे थे।
प्रवासी समुदाय ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से मांग की है कि वे यूनुस सरकार पर अपने अपार प्रभाव का इस्तेमाल करें ताकि कट्टरपंथी इस्लामवादियों की ओर से हिंदुओं पर किये जा रहे हमलों को बांग्लेदेशी सरकार रोके। इसी के साथ प्रवासी समुदाय ने चिन्मय दास की तत्काल रिहाई की भी मांग की।
ब्रिटिश संसद में भी उठा माला
ब्रिटेन की संसद में भी बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा को समाप्त करने का मामला उठाया गया है। ब्रिटिश सांसद बैरी गार्डिनर ने ब्रिटिश संसद में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का मुद्दा उठाया और स्थिति को 'चाकू की धार' पर बताया। उन्होंने हिंदू मंदिरों पर हमले और इस्कॉन नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का प्रमाण कहा।
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