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अमेरिका में प्रवासी बिहारियों से प्रशांत किशोर ने कहा- बिहार एक विफल राज्य

प्रशांत किशोर का कहना है कि अगर जन सुराज सत्ता में आती है तो उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता स्कूली शिक्षा में सुधार होगी और इसे शराब पर राज्यव्यापी प्रतिबंध हटाने के बाद उत्पन्न राजस्व से वित्त पोषित किया जाएगा।

जन सुराज नेता प्रशांत किशोर / X@Prashant Kishor

जन सुराज नेता प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार 'सचमुच एक विफल राज्य' है जो गहरे संकट में है और इसके सर्वांगीण विकास के लिए जबरदस्त प्रयासों की जरूरत है। जन सुराज के अमेरिकी चैप्टर की शुरुआत के बाद बिहारी प्रवासी समुदाय के साथ एक वर्चुअल संवाद में पूर्व चुनाव रणनीतिकार ने विश्वास जताया कि उनकी पार्टी 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव जीतेगी। किशोर ने कहा कि वह शराब पर प्रतिबंध हटा देंगे और इससे मिलने वाले राजस्व का इस्तेमाल स्कूली शिक्षा में सुधार के लिए के लिए करेंगे। 

किशोर ने कहा कि हमें यह महसूस करना होगा कि यह (बिहार) एक ऐसा राज्य है जो गहरे संकट में है। अगर बिहार एक देश होता तो जनसंख्या के मामले में दुनिया का 11वां सबसे बड़ा देश होता। किशोर ने कहा कि हमने जनसंख्या के मामले में जापान को पीछे छोड़ दिया है।

उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती यह है कि समाज बिहार की स्थिति में सुधार को लेकर 'निराश' हो गया है। जब आप निराश हो जाते हैं तो तत्काल अस्तित्व की जरूरतें इतनी प्रबल हो जाती हैं कि कुछ भी मायने नहीं रखता। हालाँकि, किशोर ने कहा, सब कुछ ख़त्म नहीं हुआ है।

सुराज नेता ने कहा कि पिछले ढाई वर्षों में हम जो कर रहे हैं उससे कुछ आशा अवश्य जगी है। लेकिन इसे एक ठोस चुनावी परिणाम और आगे चलकर शासन परिणाम में बदलने में समय लगेगा। जो कोई भी इसका हिस्सा बनना चाहता है उसे कम से कम पांच-छह साल के लिए प्रतिबद्ध होना होगा। 

किशोर ने कहा कि अगर जन सुराज सत्ता में आती है तो उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता स्कूली शिक्षा में सुधार होगी और इसे शराब पर राज्यव्यापी प्रतिबंध हटाने के बाद उत्पन्न राजस्व से वित्त पोषित किया जाएगा।

उन्होंने अमेरिका में रहने वाले प्रवासी भारतीयों से आग्रह किया कि वे जन सुराज के समर्थन और वोट के लिए अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को एकत्र करना शुरू करें। किशोर ने यह भी कहा कि बिहारी प्रवासियों ने बिहार के विकास के लिए बहुत कुछ नहीं किया है।

जन सुराज पार्टी की शुरुआत अक्टूबर में बहुत धूमधाम से की गई थी मगर हाल के बिहार विधानसभा उपचुनावों में पार्टी किसी भी तरह का प्रभाव डालने में विफल रही। एक सीट को छोड़कर बाकी सभी सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी।

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