वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के बायोलॉजिस्ट राम दीक्षित को साइंस एकेडमी सेंट लुइस की तरफ से प्रतिष्ठित फ़ेलो अवॉर्ड (विज्ञान में उत्कृष्ट उपलब्धि) से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार उन्हें पौधों की कोशिकाओं पर उनके अभूतपूर्व शोध के लिए प्रदान किया गया है।
यह पुरस्कार सेंट लुइस के सबसे अच्छे वैज्ञानिकों को दिए जाने वाले वार्षिक पुरस्कारों का हिस्सा है। राम दीक्षित ने यह पता लगाने में मदद की है कि पौधों की कोशिकाएं किस तरह आकार लेती हैं।
साइंस अकादमी सेंट लुइस एक गैर लाभकारी संस्था है। इसकी स्थापना 1856 में हुई थी। ये संस्था विज्ञान के प्रति जागरूकता बढ़ाने और लोगों को शिक्षित करने के लिए समर्पित है। यह वैज्ञानिक मान्यता, आउटरीच और रिसोर्स शेयरिंग को प्रमोट करती है। पहले यह अपने म्यूजियम और कलेक्शंस के लिए प्रसिद्ध थी। अब यह STEM अभियानों को सपोर्ट करने के अलावा पुरस्कारों व प्रोग्राम के जरिए वैज्ञानिक उपलब्धियों का सम्मान करती है।
राम दीक्षित कोशिका कंकाल विषय के प्रमुख वैज्ञानिक हैं। उनका कार्य पौधों की कोशिकाओं में पाए जाने वाले ऐसे खास तंतुओं पर केंद्रित हैं, जो कोशिकाओं को आकार देने में सहायता करते हैं। उन्होंने नई तकनीकों का इस्तेमाल करके ये पता लगाया है कि पौधे कैसे बढ़ते हैं।
नेशनल साइंस फाउंडेशन (एनएसएफ) के साइंस एंड टेक्नोलॉजी सेंटर फॉर इंजीनियरिंग मेकेनोबायोलॉजी के प्रमुख शोधकर्ता के रूप में राम दीक्षित का शोध पौधों एवं पशुओं में अणुओं, कोशिकाओं और ऊतकों में यांत्रिक बलों के अध्ययन तक फैला है।
राम दीक्षित के शोथ प्रमुख वैज्ञानिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। इनमें साइंस, नेचर प्लांट्स, करंट बायोलोजी और द प्लांट सेल प्रमुख हैं। 2015 में उन्हें एनएसएफ करियर अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है जो उभरते शोधकर्ताओं को प्रतिष्ठित मान्यता प्रदान करता है।
साइंस एकेडमी सेंट लुइस विज्ञान की तरफ से 3 अप्रैल को मिसौरी बॉटनिकल गार्डन में एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसमें इंजीनियरिंग और टेक्नोलोजी में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले नागरिकों और संगठनों को सम्मानित किया जाएगा। राम दीक्षित को भी इसी दौरान पुरस्कृत किया जाएगा।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login